कृषि विभाग भेज चुका है बीज की डिमांड
सागर•Jun 13, 2019 / 09:18 pm•
sachendra tiwari
Not yet came the government seed
बीना. पहली बारिश होने के बाद 15 जून से किसान बोवनी शुरू कर देते हैं और इसके लिए बीज की व्यवस्था करना भी किसानों ने शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक सरकारी बीज नहीं आया है। जिससे महंगे दामों पर किसान बीज खरीदने के लिए मजबूर हैं।
सरकारी बीज हर बार की तरह इस बार भी किसानों को समय पर मिलने की उम्मीद नहीं है। कृषि विभाग द्वारा डिमांड तो कई दिनों पहले भेज दी गई है, लेकिन अभी तक बीज नहीं आया है। बीज की जगह अभी सिर्फ उनके रेट भेजे गए हैं। सरकारी बीज न आने के कारण किसान महंगे दामों पर बाजार से बीज खरीदने के लिए मजबूर हैं। यदि सरकारी बीज आता तो किसानों को इसपर अनुदान भी मिलता है। साथ ही यह बीज प्रमाणित भी रहता है और बाजार में मिलने वाला बीज अप्रमाणित ही दिया जाता है। यदि बीज में अंकुरण सही नहीं होता या अफलन की स्थिति बनती हैतो इसकी जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं होता है।
पांच हजार रुपए क्विंटल तक मिल रहा बीज
बाजार में सोयाबीन का बीज पांच रुपए क्विंटल तक मिल रहा है। साथ ही कुछ दूसरी कंपनियों का बीज इससे भी महंगे दामों पर मिल रहा है। इसी तरह उड़द का बीज भी करीब 4500 रुपए क्विंटल तक में बेचा जा रहा है।बाजार में मिलने वाले बीज कहीं से भी प्रमाणित नहीं है।
52 हजार हेक्टेयर में होगी बोवनी
खरीफ फसल की बोवनी का लक्ष्य करीब 52 हजार हेक्टेयर रखा गया है, जिसमें सबसे ज्यादा सोयाबीन की बोवनी होगी। पिछले वर्षों में उड़द की फसल खराब हो जाने के बाद किसान सोयाबीन की बोवनी ज्यादा करने लगे हैं।
अभी सिर्फ रेट आए हैं
अभी सरकारी बीज नहीं आया है सिर्फ रेट आए हैं। बीज की डिमांड पहले ही भेज दी गई है। बारिश होने के बाद 15जून से बोवनी शुरू हो जाती है। खरीफ में बोवनी का लक्ष्य करीब 52 हजार हेक्टेयर है।
राकेश परिहार, आरएईओ, कृषि विभाग बीना