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सागर

आबकारी को सूचना ही नहीं मिलती, पुलिस ने पांच माह में जब्त कर ली 38 लाख की शराब

अवैध कारोबार को सहारा दे रहे आबकारी विभाग के मैदानी अधिकारी

सागरJun 14, 2018 / 03:48 pm

नितिन सदाफल

Police seized liquor worth Rs.38 million in five months

Police seized liquor worth Rs.38 million in five months

सागर. जिले में अवैध शराब के काले कारोबार में तेजी से उछाल आया है और शराब से जुड़े विवाद, झगड़े और महिला अपराधों के कारण जनता का आक्रोश झेल रही पुलिस ने भी इस काले धंधे पर कार्रवाई कर इस वर्ष मई माह तक १३९४ प्रकरण दर्ज कर ३८ लाख रुपए से ज्यादा की अवैध शराब जब्त की है।
पुलिस कार्रवाई का यह आंकड़ा पिछले दो सालों में लगभग दो गुना हो गया है। वहीं आबकारी अमला अब भी कार्रवाई की पुरानी लय पर है। हर महीने जिले में २०-३० मामलों में कार्रवाई की जा रही है, जिनमें सालभर में १८-३० लाख रुपए का राजस्व भी विभाग को मिल जाता है, पर इनमें अधिकांश कार्रवाई केवल दिखावा या आंकड़ा पूरा करने के लिए होती हैं, यही वजह है कि अवैध शराब के कारोबार से जुड़े बदमाश पुलिस से तो खौफ खाते हैं लेकिन आबकारी का उन पर कोई खास नजर नहीं होता।
आबकारी को नहीं मुखबिर तंत्र की परवाह
आपराधिक और अवैध मामलों सबसे ज्यादा कार्रवाई मुखबिर तंत्र की सूचना पर ही होती हैं लेकिन ठेकेदारों के हित को साधने की ओर झुकाव के चलते आबकारी विभाग के मैदानी अधिकारी इस ओर ध्यान ही नहीं देते। अवैध शराब और बड़े स्तर पर होने वाली तस्करी की जो सूचनाएं पुलिस स्टेशन, चौकी या ग्राम-नगर रक्षा समिति के कार्यकर्ता तक पहुंच जाती है पर वह आबकारी महकमे के अधिकारियों के कान तक नहीं पहुंच पाती। कुछ लोग तो इसलिए भी आबकारी अधिकारियों को खबर नहीं देते क्योंकि खबर देने के बाद कार्रवाई तो होती नहीं, ठेकेदार या तस्करों तक सूचना पहुंच जाती है।
गली-मोहल्लों में कार्रवाई से परहेज
आबकारी अधिकारी अधिकांश कार्रवाई शराब ठेकेदार के इशारे पर एेसे स्थानों पर करते हैं जहां अवैध शराब बिकने से उन्हें आर्थिक नुकसान होता है। इसके अलावा आम लोगों द्वारा दी जाने वाली अवैध शराब की तस्करी, शराब ठेकों पर नियमों का उल्लंघन और अवैध आहाते चलने की शिकायत मैदानी अमला अनसुनी कर देते हैं। अधिकारी इस बात का भी विशेष ध्यान रखते हैं कि ठेकेदार को आर्थिक क्षति न हो। यही वजह है कि पिछले साल पुलिस विभाग द्वारा जिले में अवैध शराब के विरुद्ध की गई कार्रवाई में ठेकेदार, गद्दीदारों को आरोपी बनाए जाने के बावजूद आबकारी विभाग ने पुलिस अधिकारियों की मदद नहीं की और आरोपी ठेकेदार बच निकले।
जब्त शराब और वाहनों से थाने फुल
जिले में अवैध शराब के कारण बढ़ते अपराधों पर कसावट के लिए पुलिस लगातार अभियान चला रही है। गली-मोहल्लों से लेकर हाइवे-ग्रामीण मार्गों से होने वाली अवैध शराब की तस्करी पर भी कार्रवाई लगातार जारी है। जनवरी से मई माह तक पांच माह में जिले के विभिन्न थानों में ११९०७ लीटर देशी-विदेशी अवैध शराब जब्त की गई है। जब्त की गई अवैध शराब का अनुमानित बाजार मूल्य ३७८६४१२ रुपए से अधिक है। इसके अलावा १३९४ दर्ज अपराधों में पुलिस ने अवैध शराब का परिवहन करते दो पहिया, चार पहिया और बड़े लोडि़ंग वाहन भी जब्त किए हैं जिनकी संख्या करीब ८० है। जब्त शराब की अत्यधिक मात्रा के चलते मोतीनगर, कैंट और नरयावली पुलिस थाने में मालखाने लबालब हैं और परिसर भी वाहनों से पट चुके हैं।
आबकारी अमला नियमित कार्रवाई करता है, महुआ लहान, अवैध शराब के बड़े मामले पकड़े हैं। हर माह में औसत ३० कार्रवाई की जाती हैं, इनमें से बड़े केस न्यायालय भेजा जाता है जहां से जुर्माने की कार्रवाई होती है। इस वर्ष आबकारी विभाग ने अब तक करीब १०० मामलों में कार्रवाई की है।
-यशवंत धनौरा, सहायक आयुक्त आबकारी, सागर
समाज में असामाजिक गतिविधियों पर कार्रवाई कर कानून व्यवस्था बनाए रखना पुलिस की जिम्मेदारी है। शराब घर-परिवार और समाज की शांति भंग करती है। अवैध शराब के कारण कई अपराध और विवाद बढ़ते हैं तुरंत एेसे मामलों में कार्रवाई जरूरी होती है। इसलिए लोग भी पुलिस को खबर देते हैं।
-सत्येन्द्र कुमार शुक्ल, एसपी सागर
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