दो बहनों की शादी के लिए मंडप सजा हुआ था और दो सगे भाई दूल्हा बनकर बारात के साथ उनके घर पहुंच चुके थे। परिजन एक बेटी की शादी रोकने पर दरवाजे पहुंच चुकी बारात में गलत संदेश जाने की दुहाई देते रहे लेकिन पुलिस और अधिकारियों के द्वारा नाबिलग की शादी को अवैधानिक बताया गया। अधिकारियों ने वधु पक्ष के साथ वर के परिजनों को भी समझाया तो दोनों ही नाबालिग की शादी टालने राजी हो गए। इसके लिए उन्होंने टीम को लिखित में भी आश्वस्त किया है।
मिली थी गुप्त सूचना
पुलिस की विशेष किशोर इकाई में तैनात ज्योति तिवारी के अनुसार रविवार नौ फरवरी को बांदरी में बाल विवाह की सूचना पर वे महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी अमित तिवारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और इकाई के सदस्य साजिद हुसैन, अमित शुक्ला के साथ मौके पर पहुंची थी। बाल विवाह की तैयारी बांदरी में दाल मिल के पास हो रही थी और घर में मंडप सजा हुआ था और काफी चहल-पहल थी।
दो बेटियों की हो रही थी शादी
पूछताछ में पता चला कि एक परिवार की दो बेटियों का विवाह सागर के सुभाषनगर में रहने वाले परिवार के दो सगे भाइयों के साथ किया जा रहा था। दुल्हन बनी छोटी बहन की उम्र 18 वर्ष से काफी कम थी और इसी की जानकारी किसी व्यक्ति द्वारा विशेष इकाई को दी गई थी। बारात वधु पक्ष के दरवाजे पर आने वाली थी। ठीक तभी पुलिस और महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम वहां पहुंच गई। टीम को देख वधु पक्ष के लोग हड़बड़ा गए।
विशेष किशोर इकाई की ज्योति तिवारी ने परिजनों से दोनों दुल्हनों के बारे में पूछताछ की। परिवार के लोगों ने बड़ी बेटी की उम्र तो बता दी लेकिन छोटी बेटी की जन्मतिथि बताने में अटक गए। उन्होंने टीम के सदस्यों को गुमराह करने की कोशिश की। अधिकारी भांप गए और उनके दबाव में परिवार ने अंकसूची प्रस्तुत की जिसमें दर्ज जन्मतिथि के अनुसार उसकी उम्र अठारह वर्ष से कम थी।
भेजा जा सकता है जेल
उसके बाद अधिकारियों ने समझाया कि बाल विवाह करने पर परिवार के सदस्यों के अलावा दूल्हे उसके परिजन और बारातियों को भी जेल भेजा जा सकता है। यह सुनकर बारात में मौजूद बाराती और दुल्हन के रिश्तेदारों में भी खलबली मच गई। टीम के सदस्यों ने परिजनों के दबाव में आने पर समझाया कि दोनों दुल्हन सगी बहन हैं और दूल्हे भाई हैं।
एक की हुई शादी
ऐसे में रविवार को बड़ी बेटी का विवाह कर दें और जब छोटी बेटी अठारह वर्ष पूरे कर ले तब उसकी शादी कर दिया जाए। यह बात वर वधु पक्ष को समझ में आ गई और वे इसके लिए राजी हो गए। उन्होंने टीम को लिखकर भी इसके लिए आश्वस्त किया और फिर बारात लगी, बाराती नाचे लेकिन शादी केवल एक ही जोड़े की हुई।