आगासौद और बायपास रोड का मामला
सागर•Sep 26, 2020 / 08:58 pm•
sachendra tiwari
Road turned into pits
बीना. भोपाल, अशोकनगर आने-जाने वाले वाहनों के लिए शहर के अंदर से नहीं निकाला जाता है और उन्हें आंबेडकर तिराहा से बनाए गए बायपास रोड से निकाला डायवर्ट कर दिया जाता है, लेकिन यह रोड पूरी तरह गड्ढों में तब्दील हो चुका है। यहां से निकलने वाले वाहनों में टूट-फूट बढ़ गई है। यहां मरम्मत के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है। यह रोड बनाते समय भी भ्रष्टाचार किया गया था, जिससे कुछ दिनों बाद ही इसमें गड्ढे होने लगे थे। इसी रोड से रिफाइनरी, जेपी के भारी वाहन भी निकलते हैं।
आंबेडकर तिराहे से आगासौद रोड पर किर्रोद के पहले ही एक बायपास रोड बनाया गया है जो सीधा भोपाल रोड को जोड़ता है। इस रोड से बस भी निकाली जाती हैं। साथ ही दिन में दो सौ से ज्यादा रिफाइनरी से निकलने वाले टैंकर भी यहीं से निकलते हैं औरा जेपी पावर प्लांट जाने वाले वाहनों का भी यही रास्ता है। रोड पर यातायात का दबाव ज्यादा रहता है, लेकिन सही तरीके से मरम्मत नहीं की जाती है। रेलवे गेट के उस तरफ से वर्तमान में हालत यह है कि सड़क में एक-एक फीट से ज्यादा के गड्ढे बन चुके हैं और इनमें बारिश का पानी भरने के कारण यह दिखाई नहीं देते हैं, जिससे वाहन गड्ढों में गिरकर पलट जाते हैं।
बारिश में कीचड़, अन्य दिनों में धूल से परेशानी
बारिश में रोड पर कीचड़ हो जाती है और गड्ढों में पानी जमा होने से परेशानी होती है। वहीं बारिश खुलते ही यहां धूल के गुबार उडऩे लगते हैं, जिससे वाहन चालक परेशान होते हैं। साथ ही इस रोड के बाजू से स्थित गांव के ग्रामीण भी परेशानियों से जूझते हैं।
वाहनों में हो रही टूट-फूट
गड्ढों के कारण वाहनों में टूट फूट भी हो रही है, जिससे वाहन चालकों के लिए नुकसान उठाना पड़ रहा है। बस संचालक भी खराब रोड के कारण परेशान हैं। इस रोड की मरम्मत की मांग भी कई बार उठाई जा चुकी है, लेकिन अभी तक कोई कार्य नहीं किया गया है।
किर्रोद से किर्रावदा रोड नहीं पैदल चलने लायक
आगासौद पर किर्रोद से किर्रावदा तक रिफाइनरी द्वारा बनाया गया बायपास रोड तो कहीं-कहीं इस स्थिति में पहुंच गया है कि वाहन तो दूर पैदल चलने लायक भी नहीं बचा है। वाहन चालकों को गड्ढों में रोड ढूंढऩी पड़ती है। थोड़ी सी चूक पर वाहन पलट जाते हैं।
छह माह पहले कराई थी मरम्मत
इस रोड की मरम्मत का कार्य नवंबर 21 तक रिफाइनरी, जेपी प्रबंधन का है। छह माह पूर्व मरम्मत कार्य कराया गया था। यदि इसके बाद भी रोड में गड्ढे हो गए हैं तो इसकी रिपोर्ट तैयार कर अधिकारियों को दी जाएगी और फिर से मरम्मत कार्य कराया जाएगा।
एसएस ठाकुर, सब इंजीनियर, पीडब्ल्यूडी
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