खुरई की ओर हुआ आचार्य श्री का विहार
सागर•Dec 19, 2018 / 08:37 pm•
sachendra tiwari
Shri Vidyasagar Maharaj
बीना. अल्प प्रवास पर खिमलासा में आए आचार्य श्री विद्यासागर महाराज का ससंघ विहार खुरई की ओर हो गया। 35 वर्ष के बाद खुरई नगर में उनका आगमन हो रहा है। आचार्य श्री का विहार दोपहर 1:30 बजे खिमलासा से हुआ, विहार कराने वालों में संपूर्ण राष्ट्र के सैकड़ों श्रद्धालुओं के साथ ही खुरई के जेवायएसएस के समस्त पदाधिकारी, नाइनटी केजी ग्रुप के समस्त कार्यकर्ता, ईशुरवारा अतिशय क्षेत्र, भाग्योदय तीर्थ, कुंडलपुर समिति, खिमलासा के समस्त नगरवासी शामिल थे। अशोक शाकाहार ने बताया कि आचार्य श्री के संघ की खुरई में भव्य अगवानी गुरुवार की सुबह होने की संभावना है।
खिमलासा में विहार के पूर्व प्रवचन सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यदि व्यक्ति चाहे तो अल्प समय में ही बहुत कुछ पा सकता है। कम से कम समय में अच्छे से अच्छा कार्य करने वाला व्यक्ति महान होता है, फिर चाहे वह लौकिक कार्य हो या पारलौकिक। जिसका पुण्य प्रबल होता है उसी को संतों का सत्संग एवं सान्निध्य प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि अहिंसा को धर्म को अब नारों या जयघोषों तक ही सीमित नहीं रखना है, उसके जयघोष को प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में पहुंचाना है, तब ही भारत में पशुवद्ध जैसा कृत्य रुक पाएगा। जहां पर अहिंसा धर्म हैं, वहां पर सब कुछ है। भारतीय संस्कृति में कत्र्तव्य को महत्व दिया जाता है, करतब को महत्व नहीं दिया जाता है। अहिंसा हमारे लिए एक देवता है। इस देवता के लिए हमारा सारा जीवन समर्पित होना चाहिए। सभा का संचालन ब्र. सुनील भैया, ब्र. नितिन भैया ने किया।
विधान में सोलह अर्घ किए जायेंगे समर्पित
खिमलासा में अष्ट दिवसीय सिद्धचक्र महामंडल विधान के पहले दिन आचार्य श्री के ससंघ सान्निध्य एवं ब्र. संजीव भैया, ब्र. अंकित भैया, ब्र. दिलीप भैया के मार्गदर्शन में सिद्ध भगवंतों को 8 अर्घ समर्पित किए गए। आज गुरुवार को 16 अर्घ समर्पित किए जाएंगे।