सागरPublished: May 11, 2021 09:54:48 pm
sachendra tiwari
इंजेक्शन, एलोपैथिक दवाएं मिलीं, होगी एफआइआर दर्ज
The clinics were run on the diploma of public health protector
बीना. कोरोना संक्रमण के बीच भी झोलाछाप डॉक्टर इलाज कर रहे हैं, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है। मंगलवार की शाम प्रशासन ने छोटी बजरिया क्षेत्र में दो क्लीनिक को सील किया है और क्लीनिक चलाने वालों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाएगी।
तहसीलदार संजय जैन ने बताया कि छोटी बजरिया में बीके विश्वास क्लीनिक चलाते हुए मिले और जब डिग्री मांगी गई तो सिर्फ जन स्वास्थ्य रक्षक का डिप्लोमा बताया गया। डिग्री न होने के बाद भी एलोपैथिक दवाएं, बॉटल, इंजेक्शन मरीजों को लगाए जा रहे थे, जिसके चलते क्लीनिक को सील किया गया है। विश्वास द्वारा १२ वर्षों से क्लीनिक खोलकर इलाज किया जा रहा था। वहीं इसी क्षेत्र में गुलाब पटेल द्वारा भी क्लीनिक चलाई जा रही थी और डिग्री के नाम पर सिर्फ जन स्वास्थ्य रक्षक का डिप्लोमा मिला, जिसपर क्लीनिक सील कर दी गई है। जानकारी लेने पर वह छह वर्षों से इलाज कर रहा है। दोनों क्लीनिक संचालकों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने की कार्रवाई की जाएगी। कार्रवाई के दौरान तहसीलदार के साथ नायब तहसीलदार संगीता सिंह, डॉ. अवतार सिंह यादव, एसआइ रामअवतार धाकड़, नपा आरआइ प्रताप यादव, पटवारी दीपक कलावत आदि शामिल थे।
ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार
शहर से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है और वह लोगों का इलाज कर रहे हैं। जबकि वर्तमान समय में ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे ज्यादा बुखार, सर्दी सहित कोरोना के लक्षण वाले मरीज सामने आ रहे हैं। इसके बाद भी इन्हें सिविल अस्पताल भेजने की जगह गांव में ही इलाज कर दिया जाता है।