शादियों में नहीं दिखी प्रशासन की सख्ती, तय संख्या से ज्यादा लोग हुए शामिल
कोविड के बाद शुरू हुई शादियों में प्रशासन ने नहीं दिया ध्यान

बीना. देवउठनी ग्यारस पर तुलसी-शालिगराम विवाह के बाद शादियां शुरू हो गई हैं, जिसके बाद बुधवार को वर-वधु परिणय सूत्र में बंधे, लेकिन इस दौरान सरकार ने जो गाइडलाइन कोरोना के बढ़ते मरीजों को देखते हुए जारी की थी लोगों ने उसका पालन नहीं किया। बुधवार को पत्रिका ने शादियों में व्यवस्थाओं को लेकर पड़ताल की तो पता चला कि जहां दो सौ से ज्यादा लोगों के एक जगह एकत्रित होने की अनुमति नहीं है तो वहीं शादी समारोह में आठ सौ से एक हजार लोग तक दिखाई दिए। इतना नहीं नहीं इतनी बड़ी संख्या में लोगों के शामिल होने के बाद न तो वह मास्क लगाए दिखाई दिए न ही सैनिटाइजर की कोई व्यवस्था की गई। जबकि सरकार ने जो गाइडलाइन जारी की थी उसका पालन शादियों में किया जा रहा है या नहीं इसका ध्यान रखा जाना था, लेकिन कहीं भी प्रशासन ने इसकी जांच नहीं कराई है। यदि इसी तरह से लापरवाही बरती गई तो कोरोना के मरीज तेजी से बढ़ेंगे और उस पर काबू पाना मुश्किल हो जाएगा। इतना नहीं जहां एक ओर मंदिरों में प्रसाद वितरण तो धार्मिक आयोजनों के बाद भंडारे पर रोक रही कि कहीं लोगों तक खाने पीने से संक्रमण न पहुंचे, लेकिन शादियों में इस ओर भी ध्यान नहीं दिया गया। खाने में बफर सिस्टम होने पर लोग अपने हाथ से ही खाना परोसते रहे, जबकि यहां पर केटरिंग कर्मचारियों को ही यह व्यवस्था करने के लिए दिया जाना था।
मैरिज गार्डन संचालक भी दिखे बेफ्रिक
जिन परिवारों में शादी थी उन्होंने तो किसी भी प्रकार की सुरक्षा का ध्यान नहीं दिया है तो वहीं मैरिज गार्डन संचालकों ने भी शादी समारोह में अपनी ओर से कोई भी काम सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा। संचालक की भी यह जिम्मेदारी थी कि वह संबंधित से पहले ही इस बात को स्पष्ट करा लें कि सरकार द्वारा तय की संख्या से ज्यादा लोग एक जगह एकत्रित न हों, लेकिन उन्हें केवल अपने गार्डन के किराए से ही मतलब है।
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