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कल जिस गांव में सड़क तक नहीं थी, आज वहां बन रही कॉलोनी

प्लानिंग ने बदली तस्वीर … आजादी के बाद से मूलभूत सुविधाओं तक को परेशान थे ग्रामीण

सागरJul 10, 2018 / 01:40 pm

sunil lakhera

कल जिस गांव में सड़क तक नहीं थी, आज वहां बन रही कॉलोनी

कल जिस गांव में सड़क तक नहीं थी, आज वहां बन रही कॉलोनी

मधुर तिवारी.सागर. सौ परिवारों वाले जिस गांव में आजादी के बाद से अब तक सड़क भी नहीं पहुंची थी, वहां इन दिनों प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 68 मकानों की कॉलोनी बन रही है। निर्माण अब अंतिम चरण में है और जल्द ही मकान ग्रामीणों को आवंटित कर दिए जाएंगे।
ये कहानी जिला मुख्यालय से करीब 70 किलो मीटर दूर स्थित केसली ब्लॉक के खुशीपुरा गांव की है। इससे साफ है कि यदि अधिकारी सरकारी योजनाओं का सही ढंग से क्रियान्वयन कराएं तो तस्वीर बदलने में देर नहीं लगती, क्योंकि कॉलोनी का निर्माण तीन महीने पहले ही शुरू हुआ था।
इस कहानी में गांव के गजराज सिंह को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है, जिन्होंने समस्याओं को लेकर सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की थी। इसी के बाद अधिकारियों ने गांव का रुख किया और आज बदलाव सबके सामने है।
गांव के गजराज अहिरवार, राकेश ने बताया कि गांव में हालात बेहद खराब थे। नालियों गंदगी से बजबजाती थीं तो सड़क का तो नामो-निशान ही नहीं था। स्वच्छ भारत की ओर बढ़ रहे इस गांव में शौचालय तो दूर की कौड़ी थी, लेकिन अधिकारियों ने गांव के विकास में दिलचस्पी ली और अब तस्वीर बदलने लगी है।
आगामी दिनों में पार्क, मैदान भी
इस पूरी प्लानिंग में सीइओ अंजना नागर की भी अहम भूमिका है। सीइओ नागर के अनुसार खुशीपुरा में पहले चरण में 68 आवासों का निर्माण पूरा होने वाला है।
साथ ही 7 लाख रुपए लागत की दो सीसी रोड का काम भी जारी है। आबादी के आधे हिस्से में शौचालयों का निर्माण भी हो चुका है। यही नहीं सामुदायिक भवन व आंगनबाड़ी की स्वीकृति मिल चुकी है। जल्द ही खेल ग्राउंड, पार्क और नल-जल योजना को लेकर प्रस्ताव बनाया जाएगा।
अधिकांश आबादी मजदूरी पर निर्भर
खुशीपुरा गांव हमेशा से उपेक्षा का शिकार रहा है। यहां ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं तक के लिए जनप्रतिनिधि और अधिकारियों का मुंह ताकते थे। पांच सौ की आबादी वाले इस गांव के रोजगार सहायक सत्यनारायण पराशर बताते हैं कि ज्यादातर ग्रामीण मजदूरी कर जीवन-यापन करते हैं। उनके पास न तो स्वयं की जमीन है और न ही पक्का मकान।
अलग-अलग मकानों को एक साथ किया
प्रधानमंत्री आवास योजना में ग्रामीणों को उनकी जमीन पर ही मकान बनाने के लिए शासन की ओर से धनराशि मिलती है, लेकिन यहां एक साथ 68 मकान इसलिए बनाए जा रहे हैं क्योंकि ग्रामीणों ने अपने मौजूद घरोंदों को गिरा दिया था। जिसके बाद सीइओ नागर ने पूरी प्लानिंग की और एक साथ ही 68 आवास स्वीकृत करा दिए।
&मेरा उद्देश्य खुशीपुरा गांव की तस्वीर बदलने का है। आने वाले समय में गांव में वे सब सुविधाएं होंगी, जो एक आदर्श गांव में होती हैं। इसमें मुझे सभी अधिकारियों का भी बहुत सहयोग मिला है।
-अंजना नागर, जपं सीइओ, केसली

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