बताया जा रहा है कि वल्लभनगर क्षेत्र में जो मकान ढहा, वह करीब 20 सालों से बंद था। यह मकान बंडा में रहने वाली शांतिबाई तिवारी के नाम पर है, जो वहां पर नर्स हैं। निगम की जर्जर भवनों की सूची में इस मकान का नाम भी शामिल था और बीते वर्ष निगमकर्मियों ने यहां पर जर्जर भवन का नोटिस भी चस्पा किया था लेकिन फिर निगम प्रशासन ने आगे कोई कार्रवाई नहीं की।
सोमवार को जब भवन का आधा हिस्सा गिर गया था तो फिर निगम की टीम ने मौके पर पहुंचकर शेष जर्जर भवन को जमींदोज किया और सड़क पर फैले मलबा को उठवाया। निगम प्रशासन की सूची में ऐसे दर्जनों जर्जर भवन शामिल हैं लेकिन अधिकारियों की इच्छाशक्ति की कमी के चलते कोई भी कार्रवाई समय पर नहीं हो रही है।