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सागर

इस बार फिर कागजों में ही न हो जाए सफाई अभियान पूरा, देखे स्वचछता के यह हैं हाल

स्वच्छता सर्वेक्षण 2019

सागरDec 06, 2018 / 08:53 pm

sachendra tiwari

This time again, in the paper itself, the cleaning campaign is complete

This time again, in the paper itself, the cleaning campaign is complete

बीना. नगरपालिका द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में अपनी रैंकिंग सुधारने का प्रयास कर किया जा रहा है, लेकिन इसका असर अभी तक शहर में दिखाईनहीं दे रहा है। मुख्य सड़कों को छोड़कर यदि वार्डों में और शहर के बाहरी क्षेत्रों में गंदगी के अंबार लगे हुए हैं, लेकिन नगरपालिका का इस ओर ध्यान नहीं जा रहा है। पत्रिका टीम द्वारा जब गुरुवार को शहर के कुछ हिस्सों का निरीक्षण किया गया तो तस्वीर अलग ही सामने आई। प्रताप वार्ड में आगासौद रोड के पास फैली गंदगी स्वच्छता पर ग्रहण लगा रही है। यहां पर निकला हुआ नाला गंदगी से पटा पड़ा है। इसी प्रकार आंबेडकर तिराहे से आगासौद तरफ जाने वाले रोड पर जगह-जगह गंदगी पसरी है । वहीं शहर के दूसरी ओर झांसी गेट के अंडरब्रिज के पास कचरा डंप किया जा रहा है। साथ ही नईबस्ती श्मशानघाट जाने वाले रोड के बाजू से भी कचरे के ढेर लगे हैं। कचरा की बदबू के कारण लोगों का निकलना भी मुश्किल हो गया है। साथ ही लोगों द्वारा इसमें आग भी लगाईजा रही है। जबकि शहर में कचरा उठाने का ठेका एक कंपनी को दिया गया है कचरा एकत्रित करने के लिए खिमलासा रोड पर ट्रेचिंग ग्राउंड भी बनाया गया है। इसके बाद भी कचरा यहां-वहां फेंका जा रहा है। इस ओर नगरपालिका के अधिकारी भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। कचरा गाडिय़ां भी समय पर वार्डों में नहीं पहुंच रही हैं, जिससे लोग बाहर कचरा फेंकने मजबूर हैं। शहर के वार्डों में खाली पड़े प्लाटों में गंदा पानी तो जमा हैही साथ ही उसमें कचरा भी फेंका जा रहा है।
खुले में जा रहे लोग शौच
कागजों में नगरपालिका को ओडीएफ तो एक वर्ष पूर्व घोषित कर दिया गया है, लेकिन अभी भी लोग खुले में शौच जा रहे हैं। खुले में शौच रोकने के लिए भी नपा ने अभी तक कोई सख्त कदम नहीं उठाया है। यहां तक कि शौचालय भी अभी पूरी तरह बनकर तैयार नहीं हो पाए हैं।
सार्वजनिक शौचालयों की कमी
शहर में सार्वजनिक शौचालयों की कमी भी स्वच्छता रैंकिंग में बाधा बन रही है। शहर के मुख्य चौराहों, तिराहों पर लोगों की मांग के बाद भी सार्वजनिक शौचालय नहीं बन पाए हैं। अधिकारियों द्वारा यहां सरकारी जमीन न होने की बात कह दी जाती है और इस समस्या का हल नहीं निकल पा रहा है।

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