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वैशाख पूर्णिमा : भीषण गर्मी में महादेव हुए जलमग्न

वैशाख पूर्णिमा गुरुवार को शहर में उत्साह के साथ मनाई गई। सुबह मंदिरों में भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक हुआ और उसके बाद उन्हें जलमग्न किया गया।

सागरMay 24, 2024 / 11:22 am

रेशु जैन

mahadev

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भगवान को भीषण गर्मी से निजात दिलाने किया जलमग्न

सागर. वैशाख पूर्णिमा गुरुवार को शहर में उत्साह के साथ मनाई गई। सुबह मंदिरों में भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक हुआ और उसके बाद उन्हें जलमग्न किया गया। कहते हैं कि भगवान भोलेनाथ ने जो हलाहल विष पिया था उससे ठंडक दिलाने और इस भीषण गर्मी से निजात दिलाने के लिए वैशाख मास की पूर्णिमा में उन्हें जलमग्न किया जाता है। इस अवसर पर भगवान शिव के हजारों भक्त मंदिरों में उमड़े और आरती शामिल हुए। देव धनेश्वर शिवालय में भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक किया गया और उसके बाद सप्त नदियों के पानी से भगवान को जलमग्न किया गया। यहां शाम को महाआरती हुई और प्रसाद वितरण किया गया। सैकड़ों की कतार में भगवान शिव के भक्तों ने दर्शन कि ए। इसी तरह मॉडल स्कूल स्थित नागेश्वर मंदिर में भगवान को शिव को जलमग्न किया।
भगवान भूतेश्वर हुए जलमग्न

प्राचीन भूतेश्वर मंदिर में भगवान भोलेनाथ को जलमग्न किया गया। भगवान को दूसरे दिन शुक्रवार को सुबह 4 बजे निकाला जाएगा। पंडित मनोज तिवारी ने बताया कि सुबह से यहां प्रसाद वितरण का दौर चला। बेल का शरबत, सत्तू और हलवा भी बांटा गया। शाम को महाआरती हुई। पं. तिवारी ने बताया कि समुद्र मंथन के दौरान भगवान शिवजी ने विष को पिया था जिस कारण उनका पूरा शरीर नीला पड़ गया था। गर्मी के माह में शिवजी को ठंडक मिल सके इसलिए भक्तों द्वारा शिवजी की पिंडी को जलमग्न किया जाता है। वैसे पूरे वैशाख माह में भक्तों द्वारा शिवजी की आराधना की गई, लेकिन वैशाख पूर्णिमा पर भक्तों ने व्रत रखकर शिवजी की उपासना की।
े मानव तु मुख से बोल बुद्धम शरण गच्छामि

गौतम बुद्ध की 2568 वीं जयंती शांति बुद्ध विहार गुरु गोविंद सिंह वार्ड में बड़ी धूमधाम के साथ मनाई गई। इस दौरान समाज के वरिष्ठ लोगों ने पूजन कर अपने विचार रखे। इस अवसर पर सुजाता खीर एवं सभी को भोजन दान किया गया।उन्होंने कहा कि महामानव गौतम बुद्ध ने विश्व के सामने श्रेष्ठ आदर्श सिद्धांतों व विचारों का प्रतिपादन किया। बुद्ध ने मानवीय स्वतंत्रता को अंतिम माना और मानव कल्याण के लिए अपना मंत्र दिया। अप दीप भव अर्थात अपना दीपक आप स्वयं बने। इस अवसर पर पूर्व सांसद डा. आनंद अहिरवार, भारतीय बौद्ध महासभा के जिला अध्यक्ष सिद्धार्थ बौद्ध, अनिल आठिया, भगवती प्रसाद जाटव, अशोक बौद्ध, दूरीचंद बौद्ध, प्रकाश भदोरिया, घनश्याम बाबू, बालचंद अहिरवार, शंकर लाल, संजय दोहर, डा. जीवन लाल, राजेश बौद्ध, राम प्रसाद जाटव, एचडी अहिरवार,डा. नरेंद्र बौद्ध, अनीता बौद्ध, पूनम बौद्ध, शिवानी बौद्ध, यशवंत बौद्ध, हर्षित जाटव, बृजेंद्र बौद्ध इत्यादि उपासक उपस्थित थी।
पुरातत्व विभाग में प्राचीन प्रतिमा देखने पहुंचे लोग
बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर गुरुवार को पुरातत्व विभाग में कई अनुयायी भगवान बुद्ध की प्राचीन प्रतिमाओं के दर्शनों के लिए भी पहुंचे। भगवान बुद्ध की पुरातत्व विभाग के संग्रहालय में तीन प्रतिमाएं हैं। दो पद्मासन एवं एक स्थानक प्रतिमा 11 वीं एवं 12 वीं सदी की हैं। यह तीनों प्रतिमाएं खुरई के बूंदी गांव से प्राप्त हुई थी। वहीं बुद्ध जयंती के अवसर पर उनके अनुयायियों द्वारा सुबह से वाहन रैली भी निकाली गई। रैली तीनबत्ती, कटरा बाजार होते हुए गुजरी और इस दौरान रैली में शामिल लोग भगवान बुद्ध के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे।

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