कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा सरस्वती पूजन कर किया गया। जिसके बाद कवियों ने अपने काव्य पाठ, चुटकुले, गीत, शायरी, व्यंग्य से सभी का मन मोह लिया। देर रात तक कवि सम्मेलन में हास्य और वीर रस की बौछार हुई। माहौल कभी भक्तिमय, तो कभी देश भक्ति से ओतप्रोत हो जाता, कवियों द्वारा मार्मिक विषयों को भी बड़ी सहजता से अपने शब्दावली में पिरोकर प्रस्तुत किया ।
कवि सम्मेलन में सागर जिले सहित अन्य प्रांतों के कवियों को आमंत्रित किया गया था, जिसमें पंकज अंगार ललितपुर ने जब “हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सबसे है नाता, अपनी ऐसी हैं भारत माता” रचना सुनाई तो दर्शकों की तालियांं गुंजायमान हो उठीं। इसी प्रकार डॉ. श्याम मनोहर सिरोठिया सागर, पवन बाके बिहारी पश्चिम बंगाल, नरेन्द्र अनजरिया दमोह, मनीष तिवारी जबलपुर, ओमप्रकाश प्रजापति उत्तर प्रदेश, ईश्वरदयाल गोस्वामी रहली, कामता माखन रीवा ने भी अपनी-अपनी रचनाएं पेश कीं ।
इनकी रही उपस्थिति
विराट कवि सम्मेलन में पूर्व नपाध्यक्ष सुशील हजारी, जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष राजेन्द्र जारोलिया, जनपद अध्यक्ष संजय दुबे, गढ़ाकोटा नपाध्यक्ष भरत चौरसिया, भरत सिंह सेमरा, मंत्री प्रतिनिधि श्रीराम राजपूत, उपाध्यक्ष प्रतिनिधि सुरेन्द्र क्षीर, दीपक कौतू, मंडल अध्यक्ष पवन नायक, ग्रामीण मंडल अध्यक्ष राजेश सिंह परासई, सरपंच गोविंद पटैल, महेश यादव,पार्षद शरीफ अली, विक्की चौरसिया, प्रियेश पटैरिया, विनित पटैरिया, अमित नायक, संतोष नन्ना, नन्दराम अहिरवार मौजूद थे। संचालन जनभागीदारी समिति अध्यक्ष डॉ. मनोज जैन ने किया।