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सागर

मंडी में बारह सौ रुपए क्विंटल में हुई गेहूं की नीलामी, किसानों ने गेहूं जमीन पर डालकर जताया विरोध

कृषि विधेयक का भी जताया विरोध

सागरSep 21, 2020 / 09:25 pm

sachendra tiwari

Wheat auctioned in Mandi for twelve hundred rupees quintal

Wheat auctioned in Mandi for twelve hundred rupees quintal

बीना. कृषि उपज मंडी में सोमवार को एक किसान गेहूं बेचने के लिए गया था और गेहूं अच्छा होने के बाद भी 1200 रुपए क्विंटल रुपए में नीलाम हुआ। जिसका विरोध करते हुए किसान ने इंदर सिंह के नेतृत्व में चौराहे पर गेहूं जमीन पर डालकर विरोध जताया। किसानों ने कृषि विधेयक का भी विरोध जताया। एसडीएम के नाम ज्ञापन भी सौंपा।
किर्रोद निवासी किसान रिंकू ठाकुर ने गेहूं बेचने के लिए मंडी आए थे और नीलामी के लिए लाइन में ट्रैक्टर-ट्रॉली लगा दिया था। जब व्यापारी ट्रैक्टर-ट्रॉली पर और बोली लगाना शुरू किया तो 1200 रुपए क्विंटल में नीलाम हुआ, जिसपर किसान ने गेहूं नहीं बेचा। इसके बाद फिर से नीलामी में ट्रैक्टर-ट्रॉली खड़ा किया तो दूसरी बार भी व्यापारियों ने उतने की दाम में गेहूं की नीलामी की। इसके बाद किसान ने मंडी से बाहर आकर सर्वोदय चौराहे पर गेहूं जमीन पर डालकर विरोध जताया। किसान ने बताया कि गेहूं में कोई खराबी नहीं है, इसके बाद भी व्यापारी कम दामों में गेहूं खरीद रहे हैं। इस दाम पर गेहूं एक दशक पहले बिकता था। आज गेहूं से बनने वाली चापर का दाम 2200 रुपए क्विंटल है। इसके बाद भी गेहूं इतने कम दाम में खरीदा जा रहा है। किसान ने बताया कि मंडी के व्यापारियों का कहना था कि हाल ही में जो विधेयक पास हुआ है उसके अनुसार अपनी उपज को भारत में कहीं भी बेच सकते हैं। गुस्साएं किसानों ने सर्वोदय चौराहे पर जमकर नारेबाजी करते हुए विरोध जताया। साथ ही कृषि विधेयक का भी विरोध किया। किसान नेता इंदर सिंह ने बताया कि इस विधेयक के आने से किसानों की उपज मनमाने दामों पर खरीदी जाएगी और किसान परेशान होंगे। किसानों का अनाज खरीदकर कंपनियों का फायदा होगा। किसानों को कुछ भी नहीं मिलेगा। इस मौके पर विजय सिंह, राजाराम अहिरवार, निर्मला सप्रे, सीपी तिवारी, किरन राजपूत, सूरज नारायन आदि उपस्थित थे।
समर्थन मूल्य मिलना चाहिए किसान को
किसानों की खरीफ की फसल चौपट हो गई है और जो पिछली उपज किसानों की रखी है वह कम दामों में खरीद रहे हैं। इसलिए किसानों की फसल समर्थन मूल्य पर बिकनी चाहिए। आज डीजल 82 रुपए लीटर हो गया है, खाद, बीज सभी महंगे दामों पर मिल रहा है, लेकिन अनाज के दाम कम मिलने से किसान परेशान हैं।
सभी किसानों को बीमा राशि देने के मांग
चार दिन बाद भी शहर के कई बैंकों में बीमा राशि नहीं आ पाई है और किसान बैंकों के चक्कर काट रहे हैं। सोमवार को सेंट्रल बैंक में किसान बीमा राशि की जानकारी लेने पहुंचे, लेकिन वहां से जवाब मिला कि अभी बीमा राशि नहीं आई है। इसी प्रकार अन्य बैंकों की भी स्थिति बनी है। यह राशि भी जल्द से जल्द किसानों को दिलाने की मांग की गई है। किसानों का कहना है कि प्रीमियम राशि तो बैंकों द्वारा काट ली जाती है, लेकिन बीमा राशि नहीं दी जा रही है। नुकसान शत प्रतिशत होता है तो राशि 2 और 3 हजार रुपए दी जाती है।

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