मसूर की फसल पर पहली बार इल्ली का प्रकोप, किसानों की बढ़ गई चिंता
मौसम में आए बदलाव के बाद बनी स्थिति

बीना. इल्ली का प्रकोप हमेशा चना की फसल पर ज्यादा होता है, लेकिन इस वर्ष अचानक मसूर की फसल में इल्ली का प्रकोप देखने मिल रहा है और यह पहली बार हुआ है जब मसूर की फसल में इल्ली लगी है। जिन किसानों की मसूर की फसल पकने में अभी समय है उनकी चिंता बढऩे लगी है।
मसूर में हर वर्ष माहू का प्रकोप होता था और किसान दवाओं का छिड़काव कर फसल सुरक्षित कर लेते थे, लेकिन इस बार मसूर की फसल पर इल्ली का प्रकोप इतना ज्यादा हुआ है कि फसल को सुरक्षित रखना मुश्किल हो रहा है। फसल पर काली, हरी दोनों ही बड़ी-बड़ी इल्ल्यिों का प्रकोप है और बहुत तेज गति से यह फसलों को नुकसान पहुंचा रही हैं। किसान डालचंद कुशवाहा ने बताया कि पहली बार मसूर की फसल पर इल्ली लगी है और वह भी इतनी ज्यादा संख्या में है कि दवाओं का छिड़काव नहीं किया गया तो कुछ भी नहीं बचेगा। देहरी के किसान लालसिंह यादव पिछले दिनों एक पॉलीथिन में इल्ली लेकर तहसीलदार के पास पहुंचे थे और बताया था कि दिनोंदिन अचानक इल्ली बढ़ रही है, जिससे ७० प्रतिशत फसल इल्ली ने चट कर ली है। किसान द्वारा सर्वे कराने की मांग की गई थी।
गेहूं की फसल में भी इल्ली
मसूर के साथ-साथ गेहूं की फसल में भी इल्ली बहुत ज्यादा संख्या में है। गेहूं में भी कभी इल्ली नहीं लगती थी, लेकिन पिछले दो वर्षों से गेहूं में इल्ली लगने लगी है और फसल को क्षति पहुंचाती है।
मौसम में आया है अचानक बदलाव
तेज ठंड के बाद पिछले कुछ दिनों से मौसम में गर्मी बढ़ गई है और फसलों के कीटों के बढऩे का कारण यह भी बताया जा रहा है। गर्मी के कारण फसलें प्रभावित होने लगी हैं।
कीटनाशक का करें छिड़काव
पहली बार मसूर में माहू की जगह इल्ली का प्रकोप दिख रहा है और किसानों को कृषि विभाग के अधिकारियों से सलाह लेकर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करना चाहिए। यदि किसान बोवनी के पहले बीज उपचार, भूमि उपचार करने लगें तो कीटों में कमी आएगी।
राकेश परिहार, आरएइओ
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