बड़ा खुलासाः 50 करोड़ की संपत्ति के लिए बेटे ने की थी अपोलो सर्कस के मालिक व पूर्व बसपा विधायक की हत्या
शस्त्र लाइसेंस धारकों को हर वर्ष अपने कारतूसों का ब्यौरा देना होता है। नए कारतूस खरीदने से पहले डीलर काे यह बताना पड़ता है कि लाइसेंस पर कितने कारतूस खरीदें। इसकी जानकारी डीलर के पास जमा कराने के बाद ही नए कारतूस मिलते हैं। इतना ही नहीं, नए कारतूस खरीदने के लिए पुराने कारतूसों के खोखे भी जमा कराने पड़ते हैं। यह व्यवस्था पहले से चली आ रही है लेकिन, अब कारतूसों की कालाबाजारी और दुपयोग की आशंका को देखते हुए सतर्कता बढ़ा दी गई है।मंडप में पहुंचने से पहले दूल्हे को उठा ले गए बदमाश, दुल्हन कर रही इंतजार
नई व्यवस्था के बाद, अब लाइसेंस धारकों को यह भी बताना होगा कि उन्होंने जो खोखे के जमा कराए हैं वह किन परिस्थितियों में चलाए थे और कहां-कहां चलाए थे। माना जा रहा है कि, नई व्यवस्था से हर्ष फायरिंग पर राेक लगेगी। सहारनपुर सिटी मजिस्ट्रेट एसके सोनी से जब इस बारे में बात की गई ताे उन्हाेंने बताया कि, हर्ष फायरिंग की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार गंभीर है। अक्सर देखा जाता है कि हर्ष फायरिंग में शस्त्र लाइसेंस का दुरुपयोग किया जाता है और ऐसे में घातक दुर्घटना होने की आशंका भी बनी रहती है।Coronavirus: भाजपा विधायक ने सीएम योगी के प्रमुख सचिव से की नोएडा के स्कूल व सिनेमाघरों को बंद करने की मांग
यह भी बताया कि सार्वजनिक स्थलों पर या फिर हर्ष फायरिंग पर लाइसेंस धारक का शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने का प्रावधान है। ऐसे में अगर कोई शस्त्र लाइसेंस हर्ष फायरिंग करता है तो उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि सभी शस्त्र डीलरों को यह निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि वह कारतूसों की खरीद करने वाले शस्त्र लाइसेंस धारकों से पूरी जानकारी लेंगे और उसके बाद ही उन्हें नए कारतूस जारी करेंगे।