वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें- https://youtu.be/4xTacEWFEDU मदरसा दारुल उलूम निशवाह के मौलाना अब्दुल लतीफ कासमी ने कहा है कि इस दल के अंदर कोई भी पढ़ा लिखा व्यक्ति नहीं है। दल के पदाधिकारियों को इतिहास पता होना चाहिए ऐसा लगता है कि उन्होंने इतिहास नहीं पढ़ा है। उलेमा ने कहा है कि इतिहास ना मालूम होने की वजह से ये फिजूल की बकवासबाजी कर रहे हैं। असली बात तो यह है कि बद्रीनाथ धाम बद्रीनाथ नहीं है वो तो बदरूद्दीन शाह है। उलेमा ने साफ शब्दों में कहा है कि यह स्थान कायदे में तो मुसलमानों का धार्मिक स्थल है। इसे मुसलमानों के हवाले कर देना चाहिए, क्योंकि यह स्थान बदरूद्दीन शाह है। उलेमा ने यह भी कहा कि नाथ लगाने से कोई हिन्दू नहीं हो जाता। यह तंजीम पहले इतिहास उठाकर देखे। वह मुसलमानों का धार्मिक स्थल है। उलेमा ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि इतिहास के मुताबिक बद्रीनाथ धाम को मुसलमानों के हवाले किया जाए और उसको बद्री शाह का नाम वापस लौटाया जाए।
इतना ही नहीं उन्होंने उल्टा सीधा बयान देने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है। उत्तराखंड रक्षा दल की ओर से दी गई धमकी और उस पर देवबंद के उलेमा का यह जवाब, देश में एक नई बहस को जन्म दे सकता है। अभी अयोध्या में राम मंदिर या मस्जिद का मामला सुलझा नहीं था और अब बद्रीनाथ और बदरुद्दीन शाह का नया मामला सामने आ गया है।