महिला थाना प्रभारी सरिता सिंह से जब इस बारे में बात की गई ताे उन्हाेंने बताया कि, सामान्य दिनों में थाने पर हर राेज 30 से 40 मामले घरेलू हिंसा ( Domestic violence case) के आते थे। शाम पांच बजे के बाद देर रात तक हर दिन घरेलू हिंसा की काफी शिकायतें रहती थी लेकिन अब लॉक डाउन में एक दिन में एक शिकायत नहीं आ रही है।
सामान्य दिनों में महिला हेल्प लाइन 1090, एंटी राेमिया और 112 के अलावा सीधे थाने पर भी शिकायत आती थी लेकिन अब लॉक डाउन के बाद हर दिन औसत रूप से एक शिकायत भी नहीं है। महिला थाना प्रभारी के अनुसार पिछले दस दिनों में महज 4 शिकायतें आई हैं। इन सभी का सामाधान माैके पर पहुंचकर कराया गया यह मामूली विवाद के मामले थे जिनमें दाेनाें पक्षों के बीच आसानी से समझाैता करा दिया गया जबकि सामान्य दिनों में ऐसा नहीं हाेता था। इसकी वजह यह है कि अधिकांश मामलों में शराब के सेवन काे लेकर विवाद सामने आता था और नशे में धुत्त व्यक्ति काे समझाने में काफी परेशानी हाेती थी।
तो शराब की बिक्री पर राेक भी है बड़ा कारण माना जा रहा है कि, लॉक डाउन में शराब की दुकानें बंद हाेना महिला संबंधी अपराधों में गिरावट का बड़ा कारण है। यह बात यूं ही नहीं कही जा रही। दरअसल जब हमने महिला थाने में आने वाली शिकायतों के बारे में जानकारी की ताे पता चला कि, अधिकांश मारपीट यानि घरेलू हिंसा की शिकायतें शाम छह बजे के बाद शुरु हाेती हैं और देर रात तक रहती है। यानी शाम के समय पति जब शराब पीकर घर आते हैं ताे मारपीट करते हैं और यही कारण है कि घरेलू हिंसा की सबसे अधिक शिकायत शाम के समय से देर रात तक रहती हैं।