इस पूरे मामले में कन्फ्यूजन बड़ा कारण बना। पहली बार देखने से यही लगा कि परिवार बच्चे को डुबो रहा है। ये परिवार किसी से बात नहीं कर रहा था और बार-बार बच्चे को डुबो रहा था। इस पर लोगों को यही लगा कि परिवार बच्चे को मारना चाहता है। कुछ लोगों ने इस घटना की वीडियो बना ली और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। हर की पौड़ी पर ही खड़े कुछ लोगों ने जब ये देखा तो उन्होंने इस परिवार को पकड़ लिया। इनके कब्जे से बच्चे को ले लिया। क्योंकि बच्चा पहले ही मरा हुआ था तो लोगों को लगा कि परिवार ने बच्चो को डूबोकर मार दिया है। इस पर इन लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और गुस्साए लोगों ने परिवार पर हमला बोल दिया।
बाद में पुलिस पूछताछ में ये बात सामने आई कि बच्चा ब्लड कैंसर से पीड़ित था। चिकित्सकों ने इसे लाइलाज घोषित कर दिया था। परिवार इसे लेकर हरिद्वार आ रहा था। रास्ते में बच्चे की मौत हो गई। इसके बाद परिवार बच्चे को हर की पौड़ी लेकर पहुंचा और बच्चे के गंगा में डुबकी लगावाने लगा। दरअसल इस परिवार को किसी चमत्कार की उम्मीद थी। चमत्कार की उम्मीद में परिवार बच्चे के गगा में डुबो रहा था जबकि लोगों ने कुछ और समझ लिया और परिवार के सदस्यों की पिटाई कर दी।
मासूम बच्चे को गंगा में डुबोकर मार डालने का कथित मैसेज देने वाली वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। बाद में एक और वीडियो सामने आया जिसे देखने पर पता चला कि बच्चा पहले ही मर चुका था। परिवार चमात्कार की आस में इस बच्चे को गंगा में डुबो रहा था।