scriptजानिए पितृपक्ष में श्राद्ध क्याें हैं जरूरी और श्राद्ध करने का सही समय | Know, How to do pitru paksha puja | Patrika News
सहारनपुर

जानिए पितृपक्ष में श्राद्ध क्याें हैं जरूरी और श्राद्ध करने का सही समय

जानिए Pitru Paksha में पितरो का श्राद्ध क्यों जरुरी है और उसका सही अर्थ क्या है साथ ही श्राद्ध के दौरान क्या करना चाहिए क्या नहीं

सहारनपुरSep 25, 2018 / 06:08 pm

shivmani tyagi

shubh muhurat

shardh

सहारनपुर।

मंगलवार 25 सिंतबर से pitru paksha का श्राद्ध पक्ष आरंभ हाे रहे हैं। 25 सितंबर मंगलवार काे शुरु हुए यह श्राद्ध पक्ष 9 अक्टूबर मंगलवार तक रहेंगे। अक्सर हमे यह सही जानकारी नहीं मिल पाती कि श्राद्ध पक्ष में हमें क्या करना चाहिए आैर क्या नहीं ? जानकारी के अभाव में हम जाने अजनाने में कुछ एेसी गलतियां कर बैठते हैं जाे हमें नहीं करनी चाहिए। shradh Paksha में हमे क्या करना चाहिए आैर क्या नहीं आईए जानते हैं सिद्ध पीठ शिव बगलामुखी मंदिर ब्रह्मपुरी कॉलोनी पेपर मिल रोड सहारनपुर के पंडित आचार्य राेहित वशिष्ठ से।
श्राद्ध शब्द का अर्थ
सबसे पहले हमे श्राद्ध शब्द का अर्थ श्रद्धा पूर्वक पितरों के लिए विधिपूर्वक जो कर्म किया जाता है उस कर्म को श्राद्ध कहते हैं।

ब्रह्म पुराण के अनुसार
देश काल में पात्र में विधि पूर्वक श्रद्धा से पितरों के उद्देश्य से जो कार्य किया जाए वह Shradh कहलाता है । देश का अर्थ स्थान है काल का अर्थ समय है पात्र का अर्थ वह ब्राह्मण है जिसे हम श्राद्ध की सामग्री दे रहे हैं। इन तीनों को भली-भांति समझ लेना चाहिए
धर्म शास्त्रों के अनुसार विधि पूर्वक किया गया श्राद्ध पितरों को तृप्ति एवं मुक्ति देता है। श्राद्ध करने वाले व्यक्ति को भी आयु पुत्र धन-धान्य पुष्टि और यश प्रदान करता है। श्राद्ध में कमी रहने पर श्राद्ध कर्ता का कल्याण नहीं होता अपितु कष्ट भोगना पड़ता है। श्राद्ध करने का सबसे उत्तम समय दोपहर 11:00 बजे से लेकर 12:30 बजे तक का होता है। इस समय को शास्त्रों में कुतप भी योग कहा गया है। समय के अभाव में प्रातः काल श्राद्ध कर सकते हैं लेकिन दोपहर के बाद श्राद्ध नहीं करना चाहिए। श्राद्ध में ब्राह्मण भोजन से पहले ग्रास बलि यानि गाय, काैआ एवं कुत्ते के लिए राेटी अवश्य निकालनी चाहिए
1.भोजन पत्ते पर रखकर गाय को खिलाना चाहिए
2.पत्ते पर भोजन रखकर कुत्ते को खिलाना चाहिए
3. भूमि पर डालकर कोवे खिलाना चाहिए इसे घर की छत पर भी डाल सकते हैं
4. पत्ते पर रखकर देवताओं के लिए अन्न निकाले यह भी गाय को खिलाना चाहिए
5. चींटी आदि के लिए भी भोजन निकाला जाता है
6. अग्नि के लिए भोजन निकालकर थोड़ा अन्न अग्नि में डालकर शेष अन्न गाय को खिला देना चाहिए ।
इस प्रकार भोजन निकाल कर उसके पश्चात ब्राह्मण को भोजन करना चाहिए
श्रद्धा पूर्वक किया गया कर्म ही पूर्ण फल प्रदान करता है अश्रद्धा से किया गया कर्म निष्फल हो जाता है इसलिए श्राद्ध करते समय अपने पितरों के प्रति एवं भोजन करने वाले ब्राह्मण के प्रति श्रद्धा भाव रखें
पितरों को अत्यंत प्रिय हैं
पितरों की प्रसन्नता की प्राप्ति के लिए दौहित्र (दोहते)को भोजन अवश्य करना चाहिए तिल व कुशा हाथ में लेकर किया गया संकल्प ,चांदी का दान, भगवान के नाम का जप, पितरों को प्रसन्न करने वाले हैं। श्राद्ध में दूध गंगाजल शहद फल दही धान तिल गेहूं मूंग और सरसों का तेल यह शुभ माने गए हैं तुलसी पत्र का प्रयोग भी श्राद्ध में अवश्य करना चाहिए तुलसी की गंध से पितृ गण प्रसन्न होकर वैकुंठ जाते हैं। फलों में आम बेल अनार आंवला नारियल खजूर अंगूर केला इत्यादि फल शुभ माने गए ।
श्राद्ध में चंदन की सुगंध को भी शुभ माना गया है।

Home / Saharanpur / जानिए पितृपक्ष में श्राद्ध क्याें हैं जरूरी और श्राद्ध करने का सही समय

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो