सहारनपुर

कोरोना से मरने वालों का अपमान किए जाने की खबरों से भड़के मुस्लिम धर्मगुरु

सरकार से की समुचित व्यवस्था करने की मांग
मौलाना मदनी बोले, किसी के शव का न हो अपमान

सहारनपुरApr 19, 2020 / 08:30 pm

Iftekhar

देवबंद. कोरोना से मरने वाले मुसलमानों के शव के साथ अपमानजनक बर्ताव की खबरों की मुस्लिम धर्मगुरुओं ने कड़ी निंदा की है। जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना कारी मोहम्मद उस्मान मंसूरपुरी और राष्ट्रीय महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने कोरोना से मरने वालों का अपमान किए जाने की निंदा की है।

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संयुक्त रूप से रविवार को जारी बयान में मौलाना कारी मोहम्मद उस्मान और मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि कोरोना से मरने वाले व्यक्ति के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने जो निर्देश जारी किए हैं। उसमें साफ-साफ कहा गया है कि मृत शरीर को गुसल (स्नान) कराया जा सकता है और सावधानी पूर्वक दफनाने में कोई हर्ज नहीं है।

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उन्होंने कहा है कि इस्लाम धर्म की दृष्टि में मरने के बाद भी इंसान का शरीर उसी तरह सम्मानीय है, जैसा कि इसकी जीवन में था। इसलिए मुसलमान किसी भी मुसलमान की मौत के बाद उसे अच्छी तरह नहला-धुला कर सम्मान के साथ दफनाना चाहिए। लेकिन अगर कोई भी उसे अंजाम न दे तो पूरा मुस्लिम समाज खास तौर से मोहल्ला वाले गुनहगार होते हैं। उन्होंने सरकार और स्वास्थय विभाग से संपूर्ण सावधानी व सतर्कता की विधियों को अपनाते हुए स्थानीय उलेमा के सहयोग से मृत शरीर को दफनाने की इजाजत देने की मांग की है।

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