इस ज्ञापन में अभिभावकों ने कहा कि अभी स्कूल खुले हैं और अगले महीनें परीक्षा होनी हैं। ऐसे में बच्चे मानसिक दबाव में हैं। कोरोना काल होने की वजह से बच्चों की ठीक से पढ़ाई नहीं हो पाई है। ऐसे में अगर उन्हें ऑफलाइन परीक्षा के लिए बुलाया जाएगा तो बच्चे और भी घबरा सकते हैं। अभिभावकों का कहना है कि अभी बच्चों को टीका भी नहीं लगा है। ऐसे में उनकी परीक्षाएं ऑनलाइन ही होनी चाहिए।
अभिभावकों को यह भी डर सता रहा है कि ऑफलाइन परीक्षा में बच्चे अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकेंगे ऐसे में स्कूल उन्हें फेल कर देगा और फिर बच्चों को विषय विशेष में पास करने या अलग से परीक्षा कराए जाने के लिए दबाव बनाया जाएगा जिसके लिए अभिभावकों से आर्थिक दंड भी वसूला जाएगा। इतना ही नहीं अभिभावकों को इस बात का भी डर लग रहा है कि अगर ऑफलाइन परीक्षा होती हैं तो ऐसे में उन्हें ट्रांसपोर्टेशन का भी पूरा खर्च देना पड़ सकता है, जबकि बच्चे महज कुछ ही दिन स्कूल जाएंगे।