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बचाव जानने से पहले यह समझिए कि बरसात का पानी किस तरह से फैलाता है बीमारियां । दरअसल बरसात का पानी स्वास्थ्य पर दो प्रकार से बुरा असर डालता है। पहला आंतरिक आैर दूसरा बाहरी। बरसात में कुछ बीमारियां दूषित पानी के पीने से हो सकती हैं तो कुछ आस-पास दूषित पानी के इकट्ठा होने से भी फैलती हैं । यानी साफ है कि बरसात में आपको केवल पीने के पानी का ही ध्यान नहीं रखना है आपके आसपास जो पानी इकट्ठा है आैर बाहरी रूप से आपके शरीर के संपर्क में आ रहा है उस पर भी आपको ध्यान रखना है। बरसात में दूषित पानी पीने से शरीर में आंतरिक रूप से संक्रमण होता है और शरीर के दूषित पानी के संपर्क में आने से बाहरी रुप से बीमारियां फैलती हैं।
बचाव जानने से पहले यह समझिए कि बरसात का पानी किस तरह से फैलाता है बीमारियां । दरअसल बरसात का पानी स्वास्थ्य पर दो प्रकार से बुरा असर डालता है। पहला आंतरिक आैर दूसरा बाहरी। बरसात में कुछ बीमारियां दूषित पानी के पीने से हो सकती हैं तो कुछ आस-पास दूषित पानी के इकट्ठा होने से भी फैलती हैं । यानी साफ है कि बरसात में आपको केवल पीने के पानी का ही ध्यान नहीं रखना है आपके आसपास जो पानी इकट्ठा है आैर बाहरी रूप से आपके शरीर के संपर्क में आ रहा है उस पर भी आपको ध्यान रखना है। बरसात में दूषित पानी पीने से शरीर में आंतरिक रूप से संक्रमण होता है और शरीर के दूषित पानी के संपर्क में आने से बाहरी रुप से बीमारियां फैलती हैं।
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ये बीमारियां हो सकती हैं दूषित पानी पीने से दूषित पानी पीने से हैजा, टाइफाइड, हेपेटाइटिस ए (पीलिया), डायरिया, आंतों की टीबी, एमीबीएसी और डिसेंट्री जैसे बीमारियां हाे सकती हैं। यह सभी बीमारियां हाे सकती हैं जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हैं। दूषित पानी पीने से आंखों में एलर्जी हो सकती है या फिर आंखें लाल हो सकती हैं। नाक में भी साइनोसाइटिस इन्फेक्शन दूषित पानी पीने के कारण हो सकते हैं। इतना ही नहीं कानों के पर्दे का इन्फेक्शन भी बरसात में दूषित पानी पीने से हो सकता है।
ये बीमारियां हो सकती हैं दूषित पानी पीने से दूषित पानी पीने से हैजा, टाइफाइड, हेपेटाइटिस ए (पीलिया), डायरिया, आंतों की टीबी, एमीबीएसी और डिसेंट्री जैसे बीमारियां हाे सकती हैं। यह सभी बीमारियां हाे सकती हैं जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हैं। दूषित पानी पीने से आंखों में एलर्जी हो सकती है या फिर आंखें लाल हो सकती हैं। नाक में भी साइनोसाइटिस इन्फेक्शन दूषित पानी पीने के कारण हो सकते हैं। इतना ही नहीं कानों के पर्दे का इन्फेक्शन भी बरसात में दूषित पानी पीने से हो सकता है।
दूषित पानी शरीर के संपर्क में आने से हाे सकती है ये बीमारियां
अगर आपके घर के आस-पास या घर के अंदर ही बरसात में पानी इकट्ठा है तो बीमारी काे दावत का है। एेसे में आपको मलेरिया, डेंगू या फिर येलो फीवर हाे सकता है। आपको त्वचारोग भी इस दूषित पानी से हो सकते हैं। इसलिए आपको बरसात में अपने आस-पास भी दूषित पानी इकट्ठा नहीं होने देना है। यह भी ध्यान रखना है कि जो पानी आप पी रहे हैं वह पूरी तरह से साफ हो स्वच्छ हो। अगर आपको लगता है कि पानी पूरी तरह से स्वच्छ नहीं है तो इसे ठीक तरह से उबालकर ठंडा करने के बाद ही पीए इससे पानी हानिकारक नहीं रहेगा।
अगर आपके घर के आस-पास या घर के अंदर ही बरसात में पानी इकट्ठा है तो बीमारी काे दावत का है। एेसे में आपको मलेरिया, डेंगू या फिर येलो फीवर हाे सकता है। आपको त्वचारोग भी इस दूषित पानी से हो सकते हैं। इसलिए आपको बरसात में अपने आस-पास भी दूषित पानी इकट्ठा नहीं होने देना है। यह भी ध्यान रखना है कि जो पानी आप पी रहे हैं वह पूरी तरह से साफ हो स्वच्छ हो। अगर आपको लगता है कि पानी पूरी तरह से स्वच्छ नहीं है तो इसे ठीक तरह से उबालकर ठंडा करने के बाद ही पीए इससे पानी हानिकारक नहीं रहेगा।
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बरसात में इन बीमारियाें से कैसे बचा जा सकता है ? इस बारे में हमने सहारनपुर में प्रैक्टिस करने वाले गाेल्ड मैडलिस्ट डॉक्टर संजीव मिगलानी से बात की। उन्हाेंने कुछ साधारण से टिप्स दिए हैं जिन्हे अपनाकर आप इन सभी तरह की बीमारियाें से काफी हद तक खुद बच सकते हैं आैर अपने बच्चाें की भी स्वस्थ रख सकते हैँ।
बरसात में इन बीमारियाें से कैसे बचा जा सकता है ? इस बारे में हमने सहारनपुर में प्रैक्टिस करने वाले गाेल्ड मैडलिस्ट डॉक्टर संजीव मिगलानी से बात की। उन्हाेंने कुछ साधारण से टिप्स दिए हैं जिन्हे अपनाकर आप इन सभी तरह की बीमारियाें से काफी हद तक खुद बच सकते हैं आैर अपने बच्चाें की भी स्वस्थ रख सकते हैँ।
1 बरसात में दूषित पानी के संपर्क में आने के बाद हाथ अच्छी तरह से साफ करने चाहिए इन्हें ठीक तरह से हमें साबुन से धोना चाहिए।
2 बच्चों को घर के आसपास इकट्ठा हुए पानी से दूर रखना चाहिए और उनको इस पानी में खेलने नहीं देना चाहिए
3 खाना खाने से पहले बच्चों के हाथ अच्छी तरह से साबुन से जरूर धुलवाने चाहिए
4 अगर आप सीधे नलकूप यह टंकी से लेकर पानी पीते हैं तो सावधान हाे जाएं बच्चों को यह पानी कतई ना दें। पहले इसे दो से तीन बार अच्छी तरह से उबाल लें इसके बाद ही बच्चाें काे दें। खुद भी उबला हुआ पानी ही पीएँ
5 ध्यान रहे शरीर के किसी भी जख्म पर दूषित पानी नहीं लगने देना चाहिए इससे इन्फेक्शन बेहद तेजी से फैलता है
6 मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें और बच्चों को पूरे कपड़े यानी पूरी बाजू के कपड़े पहनाकर ही सुलाएं
7 अगर आपके आसपास ऐसा पानी इकट्ठा है जिसे आप अकेले साफ नहीं कर सकते तो इसमें थोड़ा सा डीजल या मिट्टी का तेल डाल दें और ध्यान रहे आप जब बाहर निकले तो पूरे कपड़े ही पहन कर निकले यानी पूरी आस्तीन के कपड़े ही पहनें।
8 कूलर और छत पर रखे खराब सामानों में पानी इकट्ठा ना होने दें इनकी बार-बार चेकिंग करते रहें और इनमें भी थाेड़ा मिट्टी का तेल या डीजल डाल दें
2 बच्चों को घर के आसपास इकट्ठा हुए पानी से दूर रखना चाहिए और उनको इस पानी में खेलने नहीं देना चाहिए
3 खाना खाने से पहले बच्चों के हाथ अच्छी तरह से साबुन से जरूर धुलवाने चाहिए
4 अगर आप सीधे नलकूप यह टंकी से लेकर पानी पीते हैं तो सावधान हाे जाएं बच्चों को यह पानी कतई ना दें। पहले इसे दो से तीन बार अच्छी तरह से उबाल लें इसके बाद ही बच्चाें काे दें। खुद भी उबला हुआ पानी ही पीएँ
5 ध्यान रहे शरीर के किसी भी जख्म पर दूषित पानी नहीं लगने देना चाहिए इससे इन्फेक्शन बेहद तेजी से फैलता है
6 मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें और बच्चों को पूरे कपड़े यानी पूरी बाजू के कपड़े पहनाकर ही सुलाएं
7 अगर आपके आसपास ऐसा पानी इकट्ठा है जिसे आप अकेले साफ नहीं कर सकते तो इसमें थोड़ा सा डीजल या मिट्टी का तेल डाल दें और ध्यान रहे आप जब बाहर निकले तो पूरे कपड़े ही पहन कर निकले यानी पूरी आस्तीन के कपड़े ही पहनें।
8 कूलर और छत पर रखे खराब सामानों में पानी इकट्ठा ना होने दें इनकी बार-बार चेकिंग करते रहें और इनमें भी थाेड़ा मिट्टी का तेल या डीजल डाल दें