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इस दौरान डाॅ. शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले ही उन्होंने कहा था कि फैसला जो भी हो, हमें स्वीकार है। इसलिए वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा कि अब यह मुद्दा समाप्त हो चुका है। वहीं उन्होंने पुनर्विचार याचिका के सवाल पर कहा कि यह कानूनी लड़ाई का मुद्दा है, अगर कोई केस लड़ता है तो उसमें कोई बात नहीं है। क्योंकि कानूनी लड़ाई लड़ने का हक सभी को है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद मुसलमानों ने जिस तरह से शांति बनाए रखी है। उसके लिए उनको मुबारकबाद देते हैं और सभी से धैर्य बनाने की अपील करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विवाद होने से देश की तरक्की प्रभावित होती है। अयोध्या को लेकर दोनों समुदायों के बीच दूरियां बढ़ गई थीं, लेकिन अब फैसले के बाद माहौल बदलने की उम्मीद जगी है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि छोटी-छोटी बातों को तूल नहीं दें। उन्होंने सभी से मिलकर रहने की अपील की।