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Lucknow Cantt Assembly Seat: भगवा गढ़ होने पर भी सुस्त है विकास की रफ्तार

Lucknow Cantt Assembly Seat: पत्रिका का संवाद सेतु कार्यक्रम जनता की बात सरकार तक और सरकार की बात जनता तक पहुंचाने का एक माध्यम है। राजधानी लखनऊ में 10 दिसंबर, शुक्रवार को संवाद सेतु कार्यक्रम को पत्रिका ग्रुप के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी संबोधित करेंगे।

लखनऊDec 09, 2021 / 06:03 pm

Nitish Pandey

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Lucknow Cantt Assembly Seat: लखनऊ का कैंट विधानसभा सीट कई मायनों में बहुत खास है। इसे बीजेपी का गढ़ कहा जाता है। बीजेपी ने इस सीट पर कई बार जीत दर्ज की है। सुरेश तिवारी जो फिलहाल बीजेपी के विधायक हैं वो लगातार तीन बार इसी सीट से विधायक रहे, लेकिन 2012 में बीजेपी के जीत को यहां पर कांग्रेस की राता बहुगुणा जोशी ने रोक दिया। हालांकि 2017 आते-आते रीता बहुगुणा भी भाजपाई हो गई। इसी सीट से फिर रीता जोशी ने चुनाव लड़ी, जिसके बाद ये सीट एक फिर बीजेपी का हो गया। दो साल बाद 2019 में जब लोकसभा के चुनाव हुए तो रीता जोशी बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ी और जीत कर सांसद बन गईं। लिहाजा कैंट विधानसभा सीट खाली हो गया और यहां पर उपचुनाव हुआ जिसमें बीजेपी के सुरेश तिवारी ने जीत दर्ज की।
पत्रिका का संवाद सेतु कार्यक्रम जनता की बात सरकार तक और सरकार की बात जनता तक पहुंचाने का एक माध्यम है। इस कार्यक्रम में कम से कम पांच प्रमुख समस्याओं पर विस्तार से चर्चा होती है। लखनऊ में 10 दिसंबर, शुक्रवार को कार्यक्रम को पत्रिका ग्रुप के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी संबोधित करेंगे। कार्यक्रम में यह सवाल जानने की कोशिश की जाती है कि इन समस्याओं के लिए जिम्मेदार कौन है और उसका निदान क्या है?
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बीजेपी और कांग्रेस का रहा है इस सीट पर कब्जा

अगर राजनीति की बात करें तो कैंट विधानसभा को सत्ताधारी दल बीजेपी का गढ़ माना जाता है। हालांकि इतिहास के पन्ने पलटेंगे तो पता चलेगा इस विधानसभा क्षेत्र पर लंबे वक्त तक कांग्रेस का कब्जा रहे है। 1969 और 1977 में हुए विधासभा को छोड़ दें तो 1957 से 1989 कैंट विधानसभा सीट पर कांग्रेस को जीत मिली। लेकिन 1991 में सियासी समीकरण बदल गए और पहली बार बीजेपी के सतीश भाटिया इस सीट पर कब्जा जमाया। जिसके बाद 2007 तक बीजेपी का ही इस सीट पर कब्जा बरकरार रहा। 1996 से 2007 तक बीजेपी के सुरेश तिवारी लगातार तीन बार इस सीट से विधायक चुने गए जो कि लखनऊ कैंट सीट से मौजूदा विधायक हैं।
कैंट में है लखनऊ के कई पॉश इलाके

यह सीट लखनऊ शहर की सीट है, यहां सत्ता, शासन सब कुछ है। यूं तो लखनऊ कैंट विधानसभा क्षेत्र की पहचान तो छावनी से है, लेकिन इस विधानसभा क्षेत्र में लखनऊ के कई पॉश इलाके शामिल हैं। कैंट विधानसभा में नगर निगम के 16 वार्ड आते हैं जिसमें कैंट, सदर बाजार, आलमबाग, आशियाना, कृष्णा नगर, चारबाग, मवैय्या, नाका, तेलीबाग का क्षेत्र आता है।
पीने की पानी की है समस्या

कैंट विधानसभा क्षेत्र में पड़ने वाले कृष्णा नगर, ओलाखेड़ा और बरगावा में सड़कों की स्थिति अच्छी नहीं है। इसे अलावा सीवर और पीने की पानी की समस्या आम है। हांलकि इस सम्स्याओं को लेकर बीजेपी विधायक सुरेश तिवारी का कहना है कि पुल, पुलिया, बिजली, पानी, सड़कों का जाल बनवा दिया है। सीवर की समस्या थी तो उस पर भी काम चल रहा है। हालांकि विधायक सुरेश तिवारी मानते हैं कि कैंट इलाके में पीने की पीना का समस्या काफी लंबे से है, उसको भी दूर करने का काम किया जा रहा है।
विकास की रफ्तार सुस्त है- मेजर आशीष

हालांकि विपक्ष सुरेश चंद तिवारी के दावों से बिलकुल भी इस्तेफाक नहीं रखता है। 2019 में हुए उपचुनाव में सपा के उम्मीदवार रहे मेजर आशीष का आरोप है कि विधानसभा क्षेत्र में विकास की रफ्तार बेहत ही धीमी और सुस्त है।
दरअसल, लखनऊ कैंट में शहरी इलाके आते हैं, जहां चौड़ी-चौड़ी सड़के हैं। निर्माणकार्य समय-समय पर होता रहता है। हालांकि ऐसा नहीं है कि सभी समस्याएं समाप्त हो गई हैं। अभी भी कई समस्याएं बरकरार हैं, जिन पर काम करने की जरुरत है।

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