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सैनग्रूर

आतंकवादी हमले की बड़ी साजिश नाकाम, केजेडएफ के दो लोग पकड़े, हथियार बरामद

पंजाब पुलिस द्वारा दो अपराधियों की गिरफ्तारी के साथ खालिस्तान-समर्थक आतंकवादी मॉड्यूल का पर्दाफाश
दोनों ही जेल में बंद केजेडएफ ऑपरेटिव से सम्बन्धित, बड़ा आतंकवादी हमला टलाः डीजीपी

सैनग्रूरSep 15, 2020 / 05:42 pm

Bhanu Pratap

criminals

पंजाब पुलिस द्वारा दो अपराधियों की गिरफ्तारी के साथ खालिस्तान-समर्थक आतंकवादी मॉड्यूल का पर्दाफाश

चंडीगढ़। पंजाब में बड़ी दहशतगर्दी की घटना को रोकते हुए पंजाब पुलिस ने खालिस्तान-समर्थक आतंकवादी पाकिस्तान मोड्यूल का पर्दाफाश किया है, जिसके अंतर्गत पाँच अपराधियों की मिलीभगत के साथ काम कर रहे दो व्यक्तियों को गिरफ़्तार किया गया है। इनका मौजूदा समय में अमृतसर जेल में बंद खालिस्तान जि़ंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) ऑपरेटिव के साथ सम्बन्ध थे। ये पंजाब में आतंकवादी हमला करने की फिराक में थे। इनके बारे में जानकारी मिलने के बाद में पंजाब पुलिस ने देश के अलग-अलग हिस्सों से राज्य में दाखि़ल होने वाले सभी लोगों की चेकिंग मुहिम चलाई। हरजीत सिंह उर्फ राजू और शमशेर सिंह उर्फ शेरा दोनों निवासी गाँव मियांपुर, जि़ला तरन तारन को गिरफ़्तार किया गया।
ये हथियार हुए बरामद

इन दोनों के पास से 6 हथियार (एक 9 एम.एम. पिस्तौल, चार .32 पिस्तौल और एक .32 रिवॉल्वर), 8 जीवित राउंड कारतूस, कई मोबाइल फ़ोन और एक इन्टरनेट डौंगल बरामद किए गए हैं। इन दोनों अपराधियों को ए.एस.आई. गुरदर्शन सिंह, हवलदार जोरा सिंह और पंजाब होमगार्ड प्रीतपाल सिंह समेत पुलिस द्वारा राजपुरा-सरहिन्द रोड के होटल जशन के नज़दीक चेक पोस्ट पर काबू किया गया। इन दोनों अपराधियों के खि़लाफ़ आइपीसी की धारा 212, 216, 120 बी, आर्मज़ एक्ट की धारा 25 /54/59, 1959 आर/डब्ल्यू धारा 13, 16, 18, 20, के अंतर्गत ग़ैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) संशोधन एक्ट, 2019 को थाना सदर में एक केस एफ.आई.आर. नं. 116 मंगलवार को दर्ज की गई।
इन अपराधों में वांछित

डीजीपी के अनुसार प्रारंभिक जांच के दौरान मुलजि़मों ने खुलासा किया कि उनको 4 हथियार मध्य प्रदेश के बुरहानपुर से मिले हैं। दो हथियार सफीदों, जि़ला जींद, हरियाणा से मिले हैं। दोनों अपराधी कत्ल की कोशिश करने के मामले में वांछित थे और दोनों के विरुद्ध थाना सराए अमानत खान, जि़ला तरन तारन में आर्म्स एक्ट के अंतर्गत मुकदमा भी दर्ज है। प्रारंभिक जांच से आगे यह खुलासा हुआ है कि दोनों व्यक्ति पाँच अपराधियों, शुभदीप सिंह उर्फ शुभ निवासी चीचा, जि़ला अमृतसर जो अब अमृतसर जेल में बंद हैं, अमृतपाल सिंह बाठ निवासी मियांपुर जि़ला तरन तारन जो कत्ल के 12 अलग-अलग मामलों, कत्ल करने की कोशिश, तरन तारन और अमृतसर में आर्मज़ एक्ट के मामलों में वांछित थे, रणदीप सिंह उर्फ रोमी निवासी छेहरटा, अमृतसर, गोल्डी और आशु जो हरियाणा के जि़ला करनाल से सम्बन्धित थे, समेत नशों के मामलों में वांछित था।
केजेडएफ का सक्रिय आतंकवादी था शुभदीप सिंह

शुभदीप सिंह संबंधी विवरण साझे करते हुए डीजीपी ने कहा कि वह खालिस्तान जि़ंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) का एक सक्रिय आतंकवादी था, जिसको पंजाब पुलिस ने सितम्बर 2019 में अमृतसर ग्रामीण के गाँव महावा से एक चीन द्वारा बनाए गए ड्रोन की बरामदगी के दौरान गिरफ़्तार किया था। पिछले साल अप्रैल में, नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (एन.आई.ए.) ने उसके साथ अकाशदीप सिंह, बलवंत सिंह, हरभजन सिंह, बलबीर सिंह, मान सिंह, गुरदेव सिंह, साजनप्रीत सिंह और रोमनदीप सिंह समेत 8 अन्यों के खि़लाफ़ मोहाली की एन.आई.ए. कोर्ट में दोष पत्र दाखि़ल किया था। यह केस इस जानकारी के साथ जुड़ा हुआ है कि पाकिस्तान स्थित केज़ेडएफ के प्रमुख रणजीत सिंह उर्फ नीटा ने जर्मन आधारित केजेडएफ संचालक गुरमीत सिंह उर्फ बग्गा की मिलीभुगत के साथ हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक और नकली इंडियन करंसी नोट (एफआईसीएन) पाकिस्तान से ड्रोनों के द्वारा भारत में तस्करी की थी। रणदीप सिंह उर्फ रोमी एसएसओसी अमृतसर द्वारा कत्ल करने की कोशिश, नशा तस्करी और आर्म्स एक्ट के अंतर्गत एफआईआर नं. 17 (16 दिसम्बर, 2014) को दर्ज केस में वांछित था।
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