script18 पन्ने की रिपोर्ट तय करेगी सतना में मेडिकल कॉलेज का भविष्य | 18-page report will decide the future of medical college in Satna | Patrika News
सतना

18 पन्ने की रिपोर्ट तय करेगी सतना में मेडिकल कॉलेज का भविष्य

अधिष्ठाता रीवा मेडिकल कॉलेज ने संचालक चिकित्सा शिक्षा को भेजी रिपोर्ट

सतनाMar 22, 2018 / 04:03 pm

Pushpendra pandey

satna medical college survey news

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सतना. राज्य शासन ने सतना में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए रीवा मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता को अनुकूलता का मौका मुआयना कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था। निर्देशों के पालन में गत दिवस रीवा मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. आरपी गर्ग ने कॉलेज की प्रस्तावित जमीन सहित जिला अस्पताल का मौका मुआयना किया। इनके प्रतिवेदन के आधार पर रीवा मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता ने 18 पन्नों का कॉन्सेप्ट नोट (संकल्पना पत्र) संचालक चिकित्सा शिक्षा को भेजा है। इसमें अनुकूलता के साथ जिला अस्पताल की की स्थिति, चैलेंज, जमीन के दस्तावेज सहित अन्य जानकारियां भेजी गई हैं। रीवा मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता ने अपने कॉन्सेप्ट नोट में सतना जिले की भौगोलिक स्थिति, जनसंख्या की जानकारी देते हुए बताया, जिले के 150 किलोमीटर के दायरे में एक ही मेडिकल कालेज है वह भी 50 साल पुराना। इस स्थिति में एक और मेडिकल कॉलेज की दरकार है। ताकि मेडिकल छात्रों को प्रशिक्षण, प्रमोशन और मेडिकल रिसर्च की जा सके। सतना मुंबई-इलाहाबाद-हावड़ा रेलवे लाइन का महत्वपूर्ण रेलवे जंक्शन है। यह रेलवे स्टेशन देश के ज्यादातर महत्वपूर्ण शहरों से सीधे जुड़ा हुआ है।
मौजूदा आधारभूत संरचना
कॉन्सेप्ट नोट में जिला अस्पताल के संबंध में बताया है कि यह अस्पताल 446 बेड का है। प्रदेश का इकलौता एनक्यूएएस (नेशनल क्वालिटी एंश्योरेंस स्टैण्डर्ड) सर्टिफिकेट प्राप्त अस्पताल है। इस अस्पताल को 700 बेड का करने का प्रपोजल राज्य शासन के पास लंबित है। अस्पताल को लगातार तीन साल से कायाकल्प अभियान के तहत पुरस्कार प्राप्त हो रहे हैं। अस्पताल की बेड आक्यूपेंसी (बिस्तर भरे होना) 171 फीसदी है। पीक दिनों में अर्थात जून से सितंबर तक यह बढ़ कर 217 फीसदी तक पहुंच जाती है। यहां पन्ना, कटनी, दमोह, उमरिया, बांदा, कर्बी और रीवा जिलों सहित सतना की 30 लाख आबादी के मरीज आते हैं।
जमीन का जिक्र
कॉन्सेप्ट रिपोर्ट में जिला प्रशासन द्वारा कालेज को आरक्षित 38.72 एकड़ जमीन की जानकारी के साथ बताया गया कि एनएच 75 से एक किलोमीटर तथा जिला अस्पताल से 4 किमी दूर है। एमसीआई के तय मापदंडों से अनुकूल है। जो जमीन आरक्षित है वह कॉलेज निर्माण के लिए पूरी तरह से अनुकूल है।
गिनाए चैलेंज
कॉलेज के लिए जिला अस्पताल के चैलेंज भी गिनाए गए हैं। अस्पताल के पास भीड़-भाड़ वाला क्षेत्र होना और कुछ चिकित्सकीय स्टाफ की कमी बताई गई है। प्रस्तावित एक्शन प्लान की जानकारी दी गई है। बताया कि यहां अगर मेडिकल कॉलेज खुलता है तो उसे आसानी से 150 सीट क्षमता तक ले जाया जा सकता है।
अब जनप्रतिनिधियों की बारी
मेडिकल कालेज की रिपोर्ट के बाद यह तो तय हो गया कि सतना मेडिकल कॉलेज की अनुकूलता में पूरी तरह से फिट है। यहां कोई कमी नहीं है। अब मामला राजनीतिक दबाव का बन पड़ा है। ऐसे में बारी जनप्रतिनिधियों पर आ गई है कि वे सरकार और चिकित्सा शिक्षा विभाग पर अपनी पहल कर सतना का नाम मेडिकल कालेज के लिए प्रस्तावित कर केंद्र सरकार को भिजवाएं और फिर केन्द्र में भी इसकी पहल हो कि यह सौगात सतना को मिले।
बताई अस्पताल की ताकत
कॉन्सेप्ट नोट में जिला अस्पताल की बेड स्ट्रेन्थ बेहतर बताई गई है। बताया, चाही गई क्षमता से ज्यादा बेड स्ट्रेंथ है। एमसीआई के मापदंड के अनुकूल इस अस्पताल के विकास और विस्तार के लिए पर्याप्त स्थान है। इसे 700 बेड तक आसानी से विस्तारित किया जा सकता है। पर्याप्त चिकित्सकीय उपकरण मौजूद हैं। 40 बेड का ट्रामा सेंटर हैंडओवर होने के लिए तैयार है। 100 बिस्तर का नर्सिंग हास्टल और एकेडमिक ब्लाक भी हैंडओवर को तैयार है। यह जिला अस्पताल से ३ किमी दूर है। अस्पताल में प्रशिक्षित और अनुभवी तकनीकि अमला भी है। साथ ही यहां के 90 फीसदी चिकित्सक स्पेशलिस्ट हैं। यहां सेपरेशन यूनिट के साथ ब्लड बैंक की उपलब्धता भी बताई गई है।

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