बैठक में एईएफआई कमेटी ने तय किया कि पेंटावेलेंट और पीसीवी वैक्सीन के 40-40 बॉयल और पोलियो व रोटा वायरस के 60-60 नमूने जांच के लिए हिमाचल प्रदेश के कसौली स्थित प्रयोगशाला भेजे जाएंगे। वहां से रिपोर्ट आने के बाद आगे के कदम उठाए जाएंगे।
स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदार एक मासूम की मौत की वजह श्वास नली में दूध फंस जाना बता रहे हैं। दूसरे मासूम की मौत पर चुप्पी साधे हुए हैं। सूत्रों की मानें तो शार्ट पीएम रिपोर्ट में भी दूसरे मासूम की मौत की वजह का उल्लेख नहीं किया गया है। सीएमएचओ सहित अन्य केवल संभावना जता रहे कि श्वास में अवरोध होने की वजह से मौत हुई होगी।
एईएफआई कमेटी के अध्यक्ष सीएमएचओ होते हैं। कमेटी टीकाकरण के बाद यदि किसी बच्चे को कोई साइड इफेक्ट होता है तो उस पर मंथन करती है। वैक्सीन के रख-रखाव, परिवहन, टीकाकरण सत्र की व्यवस्थाओं की समीक्षा करती है। कोनैता गांव में मासूमों की मौत के बाद सीएमएचओ ने बैठक बुलाई। इसमें जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. सत्येंद्र सिंह, आइएमए अध्यक्ष डॉ. प्रवीण श्रीवास्तव, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. एसके पाण्डेय, डीएचओ-2 डॉ. चरण सिंह, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. विजयकांत गांधी, औषधि निरीक्षक डॉ. प्रियंका चौबे मौजूद थे।