2018 Amavasya Dates for satna and amavasya Mela Chitrakoot
सतना। ज्येष्ठ मास के अमावस्या मेले पर धर्म नगरी चित्रकूट पहुंचकर लाखों श्रद्धालुओं ने मां मंदाकिनी नदी में आस्था की डुबकी लगाईं। श्रीराम की तपोस्थली चित्रकूट में भक्त पहले रामघाट में स्नान किए फिर भगवान कामतानाथ के दर्शन उपरांत कामदगिरी पर्वत की परिक्रमा की। भीषण गर्मी के बावजूद श्रद्धालुओं का सैलाब पुण्य लाभ अर्जित करने के लिए उमड़ पड़ा।
पूरे बुन्देलखण्ड सहित मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ व अन्य राज्यों से आए भक्तों ने विशेष पूजा-अर्चना करते हुए अमावस्या पर दान पुण्य भी किया। मौसम ने भी थोड़ी नरमी बरती और औसत से कम धूप में श्रद्धालुओं को थोड़ा आराम मिला। हालांकि उमस भरी गर्मी ने भले ही आस्थावानों के पसीने छुड़ाए हो लेकिन अमावस्या मेले को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के ठीक-ठाक इंतजाम कर रखे थे।
सुबह से ही उमड़ी आस्थावानों की भीड़ अमावस्या मेले में भोर से ही श्रद्धालुओं की भीड़ रामघाट पर मंदाकिनी में स्नान के लिए उमडऩे लगी थी। सुबह करीब ३ बजे से ही भारी संख्या में आस्थावान रामघाट पहुंचने लगे। दोपहर होते-होते भक्तों की संख्या लाखों तक पहुंच गई। मध्यप्रदेश सहित उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलो और कई राज्यों से आए श्रद्धालुओं ने भजन कीर्तन करते हुए मंदाकिनी में स्नान के बाद भगवान कामतानाथ पर्वत की परिक्रमा भी लगाई।
यात्रियों ने तय किया मौत का सफर हमेशा की तरह इस बार भी श्रद्धालुओं ने जान जोखिम में डाल यात्रा की। रेलवे द्वारा तीन मेला स्पेशल ट्रेनों के संचालन व कई एक्सप्रेस ट्रेनों के स्टापेज बढ़ाए जाने के बाद भी आस्थावान ट्रेनों की छत पर चढ़कर यात्रा करते नजर आए। हालांकि स्टेशन पर बार-बार एनाउंस हो रहा था कि ट्रेन की छत पर चढ़कर यात्रा न करें यह दण्डनीय है और जान के लिए खतरा भी है तो वहीं आरपीएफ व जीआरपी ऐसे लोगों को रोकने का प्रयास भी करती रही लेकिन अत्यधिक भीड़ के चलते ये सारी कवायदें नाकाफी साबित हुई।
Hindi News/ Satna / मंदाकिनी में लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, भीषण गर्मी भी नहीं रोक पाई भक्तों को