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अब गौशालाओं के खाते में सीधे आएगी चारा भूसा की राशि

गौशाला में 100 गौवंश होना जरूरी, जिसमें 60 फीसदी निराश्रित गौवंश अनिवार्य

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सतना। मध्यप्रदेश गौसंवर्धन बोर्ड गौशालाओं की संचालन व्यवस्था को दुरुस्त करने बड़ा फेरबदल करने जा रहा है। नई लागू की जा रही व्यवस्था में अब गौशालाओं को राज्य स्तर से सीधे गौशालाओं के खाते में राशि डीबीटी के माध्यम से डाली जाएगी। इतना ही नहीं उन्हीं गौशालाओं के खाते में राशि डाली जाएगी जिसमें कम से कम 100 देशी गौवंश मौजूद हों और इसमें भी 60 फीसदी निराश्रित गौवंश होना जरूरी होगा। इस बदलाव के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं करने के निर्देश बोर्ड ने उप संचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग को दिए हैं। गौशाला प्रबंधन की इस नई व्यवस्था को लागू करने के लिए नई परिभाषाएं भी तैयार की गई हैं।

गौशाला के नाम पर खोलना होगा खाता

प्रबंध संचालक गौसंवर्धन बोर्ड ने नई व्यवस्था के संबंध में जो जानकारी दी है उसके अनुसार पंजीकृत गौशालाओं में रहने वाले गौवंशों के चारा भूसा के लिए जो राशि दी जाएगी वह अब किसी व्यक्ति के नाम पर नहीं बल्कि गौशाला के नाम पर खोले गए खाते पर दी जाएगी। यह राशि संबंधित खाते में सीधे राज्य स्तर से ऑनलाइन अंतरित की जाएगी। जो नई परिभाषा तय की गई है उसके अनुसार गौशाला उसे ही माना जाएगा जहां पर कम से कम 100 देशी गौवंश का पालन किया जा रहा हो, इनमें से 60 फीसदी गौवंश निराश्रित होने के कारण यहां लाए गए होने चाहिए। गौशाला का स्थल कम से कम एक एकड़ भूमि पर विकसित होना चाहिए साथ ही यहां पर आवास, पानी व आहार की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए।

गौशाला अध्यक्ष की नई पहचान

नई परिभाषा के आधार पर गौशाला अध्यक्ष, सचिव और प्रबंधक जो भी एमपी गौशाला एप का संचालन स्वयं के मोबाइल पर करेगा उसे गौशाला प्रतिनिधि कहा जाएगा। गौशाला का प्रभारी पशु चिकित्सक नोडल अधिकारी के नाम से जाना जाएगा।

अनुदान पाने प्रतिदिन एप में देनी होगी जानकारी

गौशाला का अनुदान पाने के लिए गौशाला प्रतिनिधियों को प्रतिदिन एप में गौवंश की गणना दर्ज की जाएगी। इसका सत्यापन नोडल अधिकारी जब करेगा तभी अनुदान प्राप्त होगा।

एप के जरिए गौशाला का होगा मूल्यांकन

नई व्यवस्था के तहत गौवंश संख्या के सत्यापन के साथ ही एप में गौशाला के व्यवस्थापन एवं प्रबंधन पर आधारित 9 बिन्दुओं का सत्यापन भी दर्ज किया जाएगा। इस नई व्यवस्था में लापरवाही करने पर संबंधितों को नोटिस भी जारी होगी और कार्यवाही भी की जाएगी।