
national highway (demo pic)
mp news: मध्यप्रदेश के सतना जिले से गुजरने वाले नेशनल हाइवे 39 सड़क दुर्घटनाओं के लिए सबसे संवेदनशील है। इस हाइवे का 93.47 किमी का हिस्सा क्रिटिकल कॉरिडोर' है। यहां होने वाले सड़क हादसों में मृत्यु दर 16.22 फीसदी है, जो जिले के किसी भी राजमार्ग या मुख्य मार्ग की तुलना में सबसे ज्यादा है। तय किया गया कि सड़क दुर्घटनाओं को व्यवस्थित तरीके से न्यूनतम स्तर पर लाते हुए मृत्यु दर शून्य पर लाने प्रयास किए जाएंगे।
सतना में जिला मजिस्ट्रेट डॉ सतीश कुमार एस की अध्यक्षता में आयोजित सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में बताया गया कि सतना जिले को 'जीरो फैटेलिटी डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम' में शामिल किया गया है। अर्थात जिले में सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों को शून्य में लाना है। इसके लिए भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 'सेव लाइव फाउंडेशन' नामक संस्था को जिम्मेदारी दी है। बैठक के दौरान सड़कों के ब्लैक स्पॉट खत्म करने सुधारात्मक कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं।
जानकारी दी गई कि सतना के 6 थाने हादसों को लेकर ज्यादा खतरनाक हैं। इनकी मृत्यु दर 73 फीसदी है। इनमें सिविल लाइन, रामपुर बाघेलान, कोठी, सिंहपुर, नयागांव और रामपुर बाघेलान हैं। सतना जिले में 38 लोकेशन ऐसी हैं जहां जिले की 43 फीसदी मौते हो रही हैं। बताया गया कि क्रिटिकल कॉरिडोर में दोपहर 12 बजे से रात 9 बजे तक सबसे ज्यादा हादसे होते हैं वहीं जुलाई, मार्च और अगस्त के महीने में ज्यादा हादसे होते हैं।
कलेक्टर ने लोक निर्माण, एनएचआई, एमपीआरडीसी के अधिकारियों से कहा कि सड़कों के रिपेयर वर्क में तेजी लाएं। बैठक के दौरान ये भी बताया गया कि चित्रकूट से सतना सड़क के लिए 20 करोड़ स्वीकृत हैं। कार्य शीघ्र प्रारंभ होगा। सतना-सेमरिया रोड रिपेयरिंग का टेंडर भोपाल में अटका हुआ है। डीएसपी ट्रैफिक ने बताया कि सतना में चार ब्लैक स्पॉट खाम्हा खूझा, रनेही मोड, कृपालपुर, बेला चिन्हित किए गए थे, जिनमें ब्लैक स्पॉट रनेही मोड को ठीक कर लिया गया है। आगामी समय में 13 स्थानों पर और दुर्घटनाओं के ब्लैक स्पॉट बन सकते हैं।
Published on:
12 Dec 2025 06:38 pm
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