10 माह में 614 सडक़ हादसे, 158 लोगों की गई जान
सडक़ हादसों में 30 गंभीर घायल तो, छ: सैकड़ा से अधिक हुए साधारण घायल-हादसों में कमी लाने सारे प्रयाश हो रहे विफल, पुलिस कार्रवाई तक सीमित प्रयाश-सडक़ सुरक्षा समिति के निर्णय बैठकों तक ही सीमित, निर्माण एजेंसियां नहीं कर रही चिन्हित ब्लैक स्पॉट पर आवश्यक कार्रवाई
614 road accidents in 10 months, 158 people died
सीधी। सडक़ हादसों में कमी लाने सारे प्रयाश विफल नजर आ रहे हैं, पुलिस की ओर से की जा रही कमर तोड़ मेहनत भी विफल नजर आ रही है। बीते दस माह के आंकड़े पर नजर दौड़ाएं तो चौंकाने वाली स्थिति सामने आई है। जिले में बीते 10 माह में 614 सडक़ हादसे हुए हैं, जिसमें 158 लोगों की जान गई है, वहीं 30 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, 605 लोगों को साधारण चोंटे आई हैं, जबकि सडक़ हादसों में पीडि़तों की संख्या 793 है। इधर सडक़ हादसों में कमी लाने प्रशासन की ओर से जो आवश्यक उपाय किये जाने चाहिए उसकी पहल ठंडी पड़ी हुई है। लिहाजा सडक़ हादसों के कारण जहां लोगों की अकाल मौत हो रही है, वहीं दूसरी ओर सडक़ हादसों में घायल होकर लोग अपंगता या अन्य शारीरिक कमियों के शिकार हो रहे हैं।
हादसों में कमी लाने और हादसों के ब्लैक स्पॉट चिन्हित करने के लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के सहयोग से आइआरएडी (रोड एक्सीडेंट डेटाबेस) अर्थात समेकित सडक़ दुर्घटना डेटाबेस का काम प्रारंभ किया था। इसकी मंशा थी कि जिले भर में होने वाले सडक़ हादसों का एकीकृत डेटाबेस का संकलन कर उसका विश£ेषण कर दोबारा ऐसे हादसे न हों, उसका निदान किया जाए। पुलिस विभाग और एनआईसी ने इस दिशा में तेजी से तेजी से काम किया, लेकिन अन्य विभागों का अपेक्षित सहयोग नहीं मिला, जिससे सडक़ हादसों में अपेक्षित कमी नहीं आ रही है। हादसों के विश£ेषण करने के बाद यातायात पुलिस ने जिले में दुर्घटना जनित व दुर्घटना संभावित स्थलों का चिन्हांकन कर जिन विभागों को सुधार की जिम्मेदारी दी है, लेकिन संबंधित निर्माण एजेंसियों द्वारा कोई पहल नहीं की जा रही है।
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जिले में चिन्हित किये गए हैं आधा सैकड़ा से अधिक ब्लैक स्पॉट-
यातायात पुलिस द्वारा सडक़ सुरक्षा समिति में लिए गए निर्णय के उपरांत जिले में दुर्घटना जनित व दुर्घटना संभावित 54 स्थलों का चिन्हांकन किया था। साथ ही दुर्घटनाओं के कारण तथा सुधार हेतु सुझाव भी तैयार कर संबंधित विभागों की ओर भेज दिया था, लेकिन विभागों द्वारा अब तक आवश्यक पहल नहंी की जा सकी है।
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सुझावों पर नहीं हो रहा अमल, कैसे रूकें हादसे-
दुर्घटना जनित एवं दुर्घटना संभावित स्थलों में सडक़ हादसों के कारणों का यातायात पुलिस अधिकारियों द्वारा विश£ेषण करते हुए वहां दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए आवश्यक सुझाव भी तैयार किये गए थे, जिसमें मुख्य रूप से मार्ग के गड्ढे भरवाया जाना, स्पीड ब्रेकर लगावाया जाना, साइन बोर्ड लगवाना, मार्ग का चौड़ीकरण करवाया जाना, मार्ग से अतिक्रमण हटवाया जाना, सांकेतिक बोर्ड लगवाया जाना जैसे सुझाव मुख्य रूप से शामिल थे, इन कार्यों की जिम्मेदारी सडक़ निर्माण एजेंसियों को सौंपी गई थी, लेकिन उनकी ओर से आवश्यक कार्रवाई नहीं की गई, जिसके चलते सडक़ हादसों में कमी नहीं आ रही है।
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जिले में पिछले 10 माह में हुए सडक़ हादसों की स्थिति-
माह – हादसे – मौत – गंभीर घायल – साधारण घायल – पीडि़त
जनवरी – 70 – 12 – 05 – 70 – 87
फरवरी – 72 – 20 – 04 – 56 – 80
मार्च – 58 – 15 – 03 – 45 – 63
अप्रैल – 51 – 07 – 03 – 57 – 67
मई – 76 – 20 – 01 – 79 – 100
जून – 62 – 17 – 03 – 75 – 95
जुलाई – 61 – 17 – 01 – 70 – 88
अगस्त – 47 – 15 – 08 – 68 – 91
सितंबर – 50 – 21 – 02 – 29 – 52
अक्टूबर- 67 – 14 – 00 – 56 – 70
कुल – 614 – 158 – 30 – 605 – 793
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पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई, दस माह में 4737 वाहनों के कटे चालान-
माह – चालान – समन शुल्क
जनवरी – 513 – 232750
फरवरी – 431 – 177500
मार्च – 372 – 106500
अप्रैल – 693 – 207750
मई – 278 – 98000
जून – 11 – 5750
जुलाई – 416 – 142250
अगस्त – 419 – 214250
सितंबर – 431 – 202250
अक्टूबर- 1173 – 348500
कुल – 4737 – 1735500
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समीक्षा कर की जाएगी कार्रवाई-
सडक़ हादसे चिंता का विषय है, इसकी समीक्षा की जाएगी, और पिछली बैठक के निर्णय अनुसार कितनी कार्रवाई हुई, ब्लैक स्पॉट में क्या इंतजाम किये गए इसकी गहन समीक्षा के साथ आवश्यक निर्देश दिये जाएंगे, ताकि सडक़ हादसों में कमी लाई जा सके।
साकेत मालवीय, कलेक्टर सीधी
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