ये थे तबादलों के निर्देश ये स्थानान्तरण मुख्यरूप से अतिशेष शिक्षकों का अन्य शिक्षक विहीन तथा शिक्षकों की कमी वाली शालाओं में पदांकन, रिक्त पदों की पूर्ति, न्यायालयीन निर्णय के अनुपालन, गंभीर शिकायतों, पदोन्नति तथा प्रतिनियुक्ति से वापसी के प्रकरणों तथा प्रशासनिक दृष्टि से आवश्यक होने पर ही किए जाएंगे। यह भी कहा गया था कि रिक्त स्थानों की पूर्ति के लिए श्रृंखला बनाना प्रतिबंधित रहेगा लेकिन यह सभी तबादले विभागीय तबादला नीति 2019-20 की कंडिका 2 की उपकंडिका 2.3 में उल्लेखित संवर्ग के ही होंगे और ये सभी पोर्टल जनरेटेड सूची से ही किए जाएंगे। इसमें डीईओ को सूची तैयार कर कलेक्टर के माध्यम से प्रभारी मंत्री का अनुमोदन लेना था।
इस तरह उड़ी शासन के निर्देशों की धज्जियां
डीईओ कार्यालय ने 9 दिन की मिली तबादलों की छूट के दौरान जमकर शासन के निर्देशों की धज्जियां उड़ाई। हालात यह हो गए कि विद्यालय शिक्षक विहीन हो गए। मसलन, उचेहरा ब्लाक की माध्यमिक शाला कारीमाटी में तीन शिक्षक पदस्थ थे। माध्यमिक में एक शिक्षक उपाध्याय और प्राथमिक में दो शिक्षक विनोद कोल और धर्मेन्द्र सिंह की तैनाती थी। तीनों का तबादला कर दिया गया और अब यह विद्यालय शिक्षक विहीन हो गया है। बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि अब इस विद्यालय में पढ़ाई कौन कराएगा।
400 मीटर में किया तबादला
तबादलों की आड़ में व्यवस्था का किस कदर माखौल उड़ाया गया है इसका एक उदाहरण है 400 मीटर की दूरी पर शिक्षकों को इधर से उधर करना। कोलगवां विद्यालय में पदस्थ मंजू शुक्ला अतिशेष रहीं। इनका तबादला 400 मीटर दूर डाइट परिसर स्थित विद्यालय में कर दिया गया, लेकिन डीईओ कार्यालय ने इसके बाद श्रृंखला नियमों के विरुद्ध डाइट में पदस्थ शिक्षिका शकुंतला चौधरी का तबादला करते हुए कोलगवां में अतिशेष के रूप में भेज दिया। इस तबादले में एक साथ दो निर्देशों की धज्जियां उड़ीं। इसी तरह नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत कामता टोला विद्यालय से महदेवा में अनुपमा गुप्ता का तबादला किया गया।
डाइट की प्रयोगशाला से किया खिलवाड़ जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान डाइट के लिए कोलगवां विद्यालय प्रयोगशाला के रूप प्रयुक्त किया जाता है। यह लैबशाला मानी जाती है और यहां डीआरजी प्रशिक्षक के रूप में शिक्षक प्रमोद मिश्रा पदस्थ हैं। इनका भी तबादला बिना परीक्षण के बराज विद्यालय में कर दिया गया, जबकि डीआरजी से तमाम काम डाइट में लिए जाते हैं।
ग्रामीण क्षेत्र से शहर में ले आए
स्कूल शिक्षा विभाग की आधार नीति रही है कि ग्रामीण क्षेत्र से नगरीय क्षेत्र में शिक्षकों की पदस्थापना न की जाए, लेकिन डीईओ कार्यालय के अधिकारियों ने इसका भी ध्यान नहीं रखा। रैगांव विधानसभा क्षेत्र के ओढ़की से ओम प्रकाश अग्रवाल को सतना जिला मुख्यालय कोलगवां में ले आया गया। इसी तरह से कोठी रोड स्थित बरा कला माध्यमिक शाला से शिक्षक जितेन्द्र गर्ग को जिला मुख्यालय ले आया गया। इस विद्यालय में तो स्थिति यह रही कि यहां पदस्थ चार शिक्षकों में से तीन शिक्षकों को हटा कर महज 1 की पदस्थापना की गई। अर्थात यहां अब शेष बचे एक शिक्षक और नई ज्वाइङ्क्षनग के बाद दो शिक्षक ही बचेंगे। इस तरह से ग्रामीण क्षेत्र से शहरी क्षेत्र में कई शिक्षकों को लाया जाकर ग्रामीण क्षेत्र की शैक्षणिक व्यवस्था पर चोट की गई।
तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ भी विरोध में आया इन तबादलों को लेकर म.प्र. तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ में भी विरोध के स्वर फूट पड़े हैं। अध्यक्ष प्रमोद गौतम ने कहा कि डीईओ ने शासन के नीति निर्देशों की धज्जियां उड़ाई हैं। शासन के स्पष्ट आदेश हैं कि संगठन के पदाधिकारियों का तबादला नहीं किया जाएगा, जबकि संगठन ने समय पर पदाधिकारियों की सूची उपलब्ध करा दी थी। गौतम ने कहा है कि इस मामले को जिला प्रशासन सहित शासन तक लेकर जाएंगे।
” यह मामला हमारे संज्ञान में नहीं है। अगर ऐसा हुआ है तो इसका परीक्षण कराया जाएगा। गड़बड़ी पाए जाने पर दोषियों पर कार्रवाई होगी।”
– अंजनी त्रिपाठी, जेडी रीवा संभाग
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