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सतना

BJP: शंकर दयाल को मिला 28 साल की सेवा का फल, ऐसा है राजनीतिक इतिहास

चित्रकूट उपचुनाव: बीजेपी से शंकर दयाल त्रिपाठी होंगे उम्मीदवार, प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार चौहान ने खोले पत्ते

सतनाOct 22, 2017 / 07:42 pm

suresh mishra

BJP declare Shankar Dayal candidate for chitrakoot by-election

BJP declare Shankar Dayal candidate for chitrakoot by-election

सतना। चित्रकूट उपचुनाव को लेकर अखिरकार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने पत्ते खोल दी दिए। काफी कशमकश के बाद दावेदार का नाम फाइनल कर दिया गया। बताया गया कि रविवार देर शाम के वरिष्ठ नेताओं की बैठक रीवा में आयोजित की गई। बगावती प्रत्याशियों को मनाने के बाद शंकर दयाल त्रिपाठी का नाम फाइनल किया गया।
अंत तक पूर्व विधायक सुरेन्द्र सिंह गहरवार और सुभाष शर्मा डोली को लेकर कयास लगाए जा रहे थे। इसके पहले सभी उम्मीदवारों की भाजपा सतना कार्यालय पर रायशुमारी की गई। सभी उम्मीदवारों को मनाने के बाद शंकर दयाल त्रिपाठी के नाम पर सहमति बनने के बाद प्रदेश अध्यक्ष ने नाम का ऐलान किया।
गांव से सीखा राजनीति का ककहरा
गांव के जानकारों ने बताया कि शंकर दयाल त्रिपाठी ने राजनीति का ककहरा गांव से ही सीखा है। छात्र जीवन से ही राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होकर गांव के विकास की हर पल बात किया करते थे। दस्यू प्रभावित क्षेत्र होने के ज्यादातर जनप्रतिनिधि क्षेत्र में ध्यान नहीं देते थे इसलिए गांव आज भी पिछड़ा पन का दंश झेल रहा है।
ऐसा है राजनीति सफर
शंकर दयाल त्रिपाठी के भाई जय नारायण त्रिपाठी ने बताया कि भैया कॉलेज के दिनों में ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गए है। इस दौरान वे कॉलेज के कई पदों पर रहे। इसके बाद युवा मोर्चा में जिला उपाध्यक्ष और बिरसिंहपुर मंडल के दो बार मंडल रह चुके है। इसके बाद भाजपा के पंचायत एवं ग्रामीण विकास के अध्यक्ष और अभी तीन माह पहले प्रदेश में पंचायत एवं ग्रामीण विकास का सह संयोजक बनाया गया था।
मुरली मनोहर जोशी से नजदीकियां
भाजपा सूत्रों की मानें तो शंकर दयाल त्रिपाठी बिरसिंहपुर मंडल अध्यक्ष के पद पर रहते हुए कई बार मुरली मनोहर जोशी से मिल चुके है। जब तत्कालीन यूपीए-1-2 में मुरली मनोहर जोशी सीबीसी के अध्यक्ष थे तो कई बार क्षेत्र के विकास के मुददों पर चर्चा की थी है। वह भाजपा और संघ से करीब 28 वर्षों से जुड़े हुए है।
6 बहनों और 2 भाइयों में थे सबसे लाडले
बता दें कि शंकर दयाल त्रिपाठी के पिता शासकीय शिक्षक थे। वे डबल एमए और 6 बहनों और 2 भाइयों में सबसे लाडले थे। इनके परिवार में एक बेटा और एक बेटी है। इनके भाई देवरा ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच भी रह चुके है।
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