घेराव के पहले रामनगर फुटबाल मैदान में आमसभा का आयोजन किया गया। अमरपाटन विधायक रामखेलावन पटेल ने शासन-प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि नगर परिषद में हुई घटना के लिए कांग्रेस सरकार जिम्मेदार है। इसके जिम्मेदार सतना के कलेक्टर हैं। कहा, घटना की नींव आज से 6 माह पहले रखी गई थी, जब रामनगर नगर पंचायत के अध्यक्ष राम सुशील पटेल ने 1708 लोगों को पीएम आवास के एक-एक लाख रुपए उनके खाते में डाले। तब यहां के सीएमओ देवरत्नम ने 286 लोगों को अपात्र घोषित कर दिया था। घटना के दिन बैठक में सीएमओ देवरत्नम सोनी ने अपने साथ गुंडे बुला रखे थे। जब ये लोग रामसुशील पटेल के साथ मारपीट करने लगे, यह देख जनता ने उनके साथ मारपीट की। दोनों पक्षों को चोटें आईं। अत: दोनों के खिलाफ परस्पर केस दर्ज होना चाहिए था। लेकिन, कांग्रेस सरकार के दबाव में अध्यक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। कांग्रेस की सरकार के दबाव में जेल विभाग द्वारा रात को ही सुशील पटेल का सीटी स्कैन कराया गया और 2 बजे रात जेल खोलकर उन्हें पुन: जेल में डाल दिया गया। आरोप लगाया, एक सब इंजीनियर को नियम विरुद्ध सीएमओ बनाया गया है। मैंने कलेक्टर को भी सीएमओ के पद पर स्थानांतरित लालजी ताम्रकर को पद दिए जाने का आवेदन किया था। तब कलेक्टर ने कहा कि यह उनके वश में नहीं है, आप राजवर्धन सिंह के पास जाइए। कहा-यहां राजेन्द्र सिंह के इशारे में शासन प्रशासन काम कर रहा है। विधायक शारदेंदु तिवारी ने कहा कि कि मैंने अमरपाटन की जनता से वादा किया था कि जब भी यहां अन्याय अत्याचार और सामंतवादी व्यवस्था होगी, मैं आप के समर्थन में आऊंगा।
बारिश ने बिगाड़ा माहौल
सभा के दौरान ही तेज बारिश शुरू हो गई। इसके बाद ज्यादातर लोग यहां से भाग कर इधर-उधर पानी से बचने पहुंच गए। इस दौरान पंडाल सहित पूरा परिसर खाली हो गया। हालांकि बाद में फिर लोग इकट्ठा हुए और रामनगर थाने की ओर नारेबाजी करते कूच किए।
जमानत पर छोड़ा थाने से पहले ही पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोक लिया। इस दौरान भी जमकर नारेबाजी हुई। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने ज्ञापन सौंपा। फिर 146 लोगों की गिरफ्तार किया गया। इसमें 91 पुरुष और 55 महिलाएं शामिल रहीं। इन पर धारा 107, 116, 151 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। बाद में एसडीएम ने जमानत मुचलके पर सभी को रिहा कर दिया।