कलेक्टर ने जारी निलंबन आदेश में कहा है कि प्रभाकरण प्रकाश वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक को सेवा सहकारी समिति धौरहरा और सोहावल के प्रशासक का दायित्व सौंपा गया था। उन्हें सहकारी संस्थाओं में उपार्जन के दौरान व्यवस्थाओं की निगरानी की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन वे प्रशासक के दायित्व निर्वहन में असफल पाए गए। खरीदी संस्थाओं में प्रशासकीय संस्थाओं में नियंत्रण न करने की वजह से संस्था के कर्मचारियों ने किसानों से भारी राशि तौलाई के रूप में वसूली गई। प्रभावी निगरानी नहीं करने के कारण काफी मात्रा में उपार्जित गेहूं का परिवहन और रखरखाव नहीं होने से गेहूं खराब भी हुआ। केन्द्रों में गेहूं की बोरियों की सिलाई नहीं होने से परिवहन के लिए स्कंध तैयार नहीं हुआ जिससे परिवहन भी समय पर नहीं हो सका। उपार्जन संबंधी बैठकों में लगातार उन्हें निगरानी और नियंत्रण के निर्देश दिए जाते रहे लेकिन वे उपार्जन केन्द्रों में उपस्थित ही नहीं हुए।