हर साल नए डकैत गिरोह बनते हैं और खत्म होते हैं। तराई की पहचान आतंक व जंगल से जुड़ी हुई है। ददुआ, बलखडिय़ा, ठोकिया, सुंदर जैसे दस्यु सरगना लम्बे समय तक आतंक का पर्याय रहे। डकैत व पुलिस का खेल डाल-डाल पात-पात जैसा रहा है। दस्यु सरगना ललित पटेल बहुत कम समय में आतंक का पर्याय बना तो साढ़े छह लाख के इनामी दस्यु बबुली ने सपा नेता के बेटे और रेलकर्मी का अपहरण कर सनसनी फैला दी। तीन ग्रामीणों का अपहण कर जिंदा जलाने की घटना, स्कूल से हेडमास्टर के अपहरण की वारदात ने हडक़ंप मचा दिया। ग्रामीण पलायन को मजबूर हो गए। स्थिति की नजाकत को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चित्रकूट उपचुनाव के दौरान मझगवां की सभा में पुलिस को फ्री हैंड किया। यूपी एसटीएफ ने गोप्पा को गिरफ्तार किया, तो यूपी पुलिस ने बबुली गैंग की कमर तोडक़र रख दी।