आनंद विहार के सतना रेलवे स्टेशन पहुंचने का समय हो रहा था। ऐसे में कैरिज एंड वैगन ने मामले की जानकारी स्थानीय प्रबंधन को दी। सूचना मिलते ही रेल प्रबंधन में हड़कंप मच गया। तकनीकी टीम को मौके पर बुलाया गया पर इंजन स्टॉर्ट नहीं हो पाया। ट्रेन को रवाना करने में देरी हो रही थी। स्थानीय प्रबंधन को इस बात का भी डर बना था कि यात्री हंगामा न करने लगें। इससे रेल प्रशासन को मामले की जानकारी दी गई। आनन-फानन डीजल इंजन जोड़कर रवाना करने का निर्णय लिया गया।
सतना-मानिकपुर रेल मार्ग का विद्युतीकरण काम पूरा हो जाने के बाद 30 अगस्त को पहली यात्री ट्रेन रीवा से आनंद विहार (दिल्ली ) 12427 को सतना से मानिकपुर की ओर इलेक्ट्रिक इंजन लगाकर रवाना किया गया था। तब से आनंद विहार इलेक्ट्रिक इंजन से दौड़ रही थी। लेकिन, सतना स्टेशन से जोड़े जाने वाले इलेक्ट्रिक इंजन में फाल्ट आ जाने के कारण 17 दिन बाद एक बार फिर डीजल इंजन लगा रवाना किया गया।
रेल प्रशासन द्वारा 14 सितंबर से टॉपिंग अप शुरू कर दिया गया है। 13 जोड़ी ट्रेनें डीजल के साथ इलेक्ट्रिक इंजन के साथ रवाना की जा रही है। सतना रेलवे स्टेशन पर महज एक ही इलेक्ट्रिक इंजन मौजूद रहता है। दूसरा इलेक्ट्रिक इंजन मौजूद होता तो रेल प्रबंधन को मशक्त नहीं करना पड़ता।
सतना से मानिकपुर की ओर सुबह 6 बजे जाने वाली सतना-मानिकपुर पैसेंजर का भी इंजन फेल हो गया। सूचना मिलने पर दूसरा डीजल इंजन लगाया गया तब ट्रेन 20 मिनिट देरी से मानिकपुर की ओर रवाना हो पाई।