मिली जानकारी के अनुसार जिस तरीके का फर्जीवाड़ा कलेक्ट्रेट के लिपिक कर रहे थे उसी तरह का फर्जीवाड़ा 2011-12 में कोलगवां थाने में भी अंजाम दिया जा रहा था। तब यहां पदस्थ थाना प्रभारी भूपेन्द्र यादव और मुंशी शंकरदयाल मिश्रा पदस्थ थे। इस दौरान आपराधिक प्रकरण दर्ज लोगों के भी फर्जी प्रमाण पत्र अपराध दर्ज न होने के जारी हो रहे थे। ऐसे ही एक मामले का खुलासा सगमनिया निवासी दो अपराधियों का हुआ जिनके अपराध कोलगवां थाने में दर्ज थे लेकिन उनपर अपराध दर्ज न होने का प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। इस मामले की जांच कर रही एसटीएफ ने अब कलेक्टर को पत्र लिख कर इन दोनों के शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने कहा है।
यह कहा एसटीएफ ने
एसटीएफ एसपी नीरज सोनी ने कलेक्टर को बताया है कि उनकी जांच में दो लोगों के शस्त्र लाइसेंस नियम विरुद्ध जारी हुए है। इनमें रावेन्द्र सिंह पिता बलकरण सिंह और शिवेन्द्र सिंह पिता बलकरण सिंह दोनों निवासी सगमनिया हाल मुकाम सिंधी कैम्प थाना कोलगवां है। एसटीएफ ने बताया है कि इन दोनों ने शस्त्र लाइसेंस के लिए न केवल कूट रचित शपथ पत्र दिया था बल्कि कोगलवां थाने से भी आपराधिक प्रकरण दर्ज होने के बाद भी आपराधिक प्रकरण दर्ज न होने का प्रमाण पत्र दे दिया गया था। जिसके आधार पर इन दोनों के शस्त्र लाइसेंस जारी हो गए थे। अब एसटीएफ ने इन दोनों के शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने की अनुशंसा की है।
इस तरह खुला था मामला
बताया गया है कि रावेन्द्र और शिवेन्द्र का परिवार में ही रंजिश होती रहती थी। अक्सर शस्त्र दिखाकर धौंस दी जाती थी। जिससे पीड़ित इनके परिवार के ही एक सदस्य को इनके आपराधिक प्रकरण होने के बाद भी लाइसेंस जारी होने पर शंका हुई। जिसपर उसने सूचना के अधिकार के तहत थाने से आपराधिक प्रकरण होने की जानकारी निकाल और यह भी निकाल ली कि उसी दौरान थाने से आपराधिक प्रकरण दर्ज न होने का प्रमाण पत्र दिया गया है। इसके बाद मामला तूल पकड़ गया।
दोषियों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं