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सतना

शस्त्र लाइसेंस के लिए कोलगवां थाने से जारी हुआ था अपराध दर्ज न होने का झूठा प्रमाण पत्र

तत्कालीन मुंशी शंकरदयाल और टीआई भूपेन्द्र के कार्यकाल में बने थे फर्जी प्रमाण पत्रअपराधियों को जारी करवा दिए गए लाइसेंस, एसटीएफ ने पकड़ा मामला

सतनाJan 25, 2021 / 09:08 am

Ramashankar Sharma

Fake certificate of crime was issued from Kolgwan police station

Fake certificate of crime was issued from Kolgwan police station

सतना. प्रदेश का सबसे बड़ा शस्त्र लाइसेंस फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद अब सतना के शस्त्र लाइसेसों को लेकर स्पेशल टास्क फोर्स सतना के लाइसेंस संबंधी मामलों को काफी संजीगदी से ले रही है। ऐसे में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पाया गया है कि शस्त्र लाइसेंस जारी करने के थानों से जो वैरीफिकेश लिया जाता है उसमें भी व्यापक पैमाने पर गड़बड़झाला किया जा रहा था। दो लोगों के मामले ऐसे पकड़ में आए हैं जिनके आपराधिक प्रकरण दर्ज थे लेकिन थाने से आपराधिक प्रकरण दर्ज न होने का प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। हालांकि थाने की यह स्थिति पहली बार नहीं सामने आ रही है बल्कि इसी तरह से सवालों में सिटी कोतवाली थाना भी तब घिरा था जब नाबालिग से रेप के मामले में गिरफ्त में आए सिकंदर के पासपोर्ट वैरीफिकेश की बात सामने आई है। हालांकि इस मामले के सामने आने के बाद अब एसटीएफ ने इनके शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने की बात कही है।
थाने से हो रहा था फर्जीवाड़ा
मिली जानकारी के अनुसार जिस तरीके का फर्जीवाड़ा कलेक्ट्रेट के लिपिक कर रहे थे उसी तरह का फर्जीवाड़ा 2011-12 में कोलगवां थाने में भी अंजाम दिया जा रहा था। तब यहां पदस्थ थाना प्रभारी भूपेन्द्र यादव और मुंशी शंकरदयाल मिश्रा पदस्थ थे। इस दौरान आपराधिक प्रकरण दर्ज लोगों के भी फर्जी प्रमाण पत्र अपराध दर्ज न होने के जारी हो रहे थे। ऐसे ही एक मामले का खुलासा सगमनिया निवासी दो अपराधियों का हुआ जिनके अपराध कोलगवां थाने में दर्ज थे लेकिन उनपर अपराध दर्ज न होने का प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। इस मामले की जांच कर रही एसटीएफ ने अब कलेक्टर को पत्र लिख कर इन दोनों के शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने कहा है।
यह कहा एसटीएफ ने
एसटीएफ एसपी नीरज सोनी ने कलेक्टर को बताया है कि उनकी जांच में दो लोगों के शस्त्र लाइसेंस नियम विरुद्ध जारी हुए है। इनमें रावेन्द्र सिंह पिता बलकरण सिंह और शिवेन्द्र सिंह पिता बलकरण सिंह दोनों निवासी सगमनिया हाल मुकाम सिंधी कैम्प थाना कोलगवां है। एसटीएफ ने बताया है कि इन दोनों ने शस्त्र लाइसेंस के लिए न केवल कूट रचित शपथ पत्र दिया था बल्कि कोगलवां थाने से भी आपराधिक प्रकरण दर्ज होने के बाद भी आपराधिक प्रकरण दर्ज न होने का प्रमाण पत्र दे दिया गया था। जिसके आधार पर इन दोनों के शस्त्र लाइसेंस जारी हो गए थे। अब एसटीएफ ने इन दोनों के शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने की अनुशंसा की है।
इस तरह खुला था मामला
बताया गया है कि रावेन्द्र और शिवेन्द्र का परिवार में ही रंजिश होती रहती थी। अक्सर शस्त्र दिखाकर धौंस दी जाती थी। जिससे पीड़ित इनके परिवार के ही एक सदस्य को इनके आपराधिक प्रकरण होने के बाद भी लाइसेंस जारी होने पर शंका हुई। जिसपर उसने सूचना के अधिकार के तहत थाने से आपराधिक प्रकरण होने की जानकारी निकाल और यह भी निकाल ली कि उसी दौरान थाने से आपराधिक प्रकरण दर्ज न होने का प्रमाण पत्र दिया गया है। इसके बाद मामला तूल पकड़ गया।
दोषियों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं
शस्त्र लाइसेंस जैसे संगीन मामले में फर्जी तरीके से प्रमाण पत्र देने वाले कोलगवां के तत्कालीन जिम्मेदारों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है। लेकिन अब जब लाइसेंस निरस्त करने की बात सामने आ चुकी है तो फिर संबंधितों पर भी कार्रवाई का रास्ता खुल चुका है।

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