स्ट्रेस फ्री हो कर रिवीजन करें एक्सपर्ट का कहना है पहले वो टॉपिक्स तैयार कर लें जो ज्यादा मुश्किल हो। फिर आसान वाले टॉपिक करें। सभी चैप्टर पर बराबर ध्यान दें। जेनेटिक्स, इकोलॉजी, रीप्रोडक्टिव सिस्टम यूनिट अच्छे से करें। इनमें ज्यादा से ज्यादा डायग्राम बनाने की कोशिश करें। एप्लीकेशन आफ बायोटेक्नोलॉजी को अक्सर छोटी समझ कर स्टूडेंट्स छोड़ देते हैं, लेकिन इसमें अच्छी तैयारी कर अच्छे माक्र्स पाया जा सकता है। स्ट्रेस फ्री होकर तैयारी करें।
टाइम बांटकर प्रश्न हल करें अच्छे से पूरा पेपर देखने के बाद पहले सेक्शन ए और बी के एक और दो नंबर वाले छोटे प्रश्न पहले आधे घंटे में हल करने का प्रयास करें। उसके बाद सेक्शन सी के प्रश्न एक घंटे में हल कर लें। अंत में बड़े प्रश्न पांच नंबर वाले करें उनमें डायग्राम्स भी बनाने होते हैं । इसलिए उन्हें आराम से करें। डायग्राम पर लेवलिंग का भी ध्यान रखें। कॉपी में हर जगह लिखने से बचें। सिर्फ राइट या लेफ्ट साइड में लिखे। परीक्षा में अच्छे माक्र्स के लिए सिर्फ एनसीआरटी की किताबें ही पढ़ें।
माक्र्स के हिसाब से उत्तर लिखें
स्टूडेंट अक्सर लिखते समय शब्द सीमा का ध्यान नहीं रखते। एक या दो नंबर के छोटे प्रश्नों में भी जितना आते हैं लिखते चले जाते हैं और कई बार बड़े प्रश्नों को छोटा लिख देते हैं । इसका असर मार्किंग पर होता है। कितने नंबर का प्रश्न है उसके हिसाब से उत्तर लिखें। पांच सालों के हल किए हुए पेपर देखें । इससे किस तरह से प्रश्न लिखना है यह पता चल जाता है। पूरा प्रश्न खुद ही हल करने की प्रैक्टिस करें। डायग्राम जरूर बनाने की प्रैक्टिस करके जाएं नहीं तो वहां समय ज्यादा लग जाएगा।