हालांकि शाम तक कोई भी किसान संगठन बंद के समर्थन में सामने नहीं आया। जिले में कहीं भी धरना प्रदर्शन जैसे कार्यक्रम नहीं हुए। ज्ञात हो कि किसान महासंघ ने 1 से 10 जून तक देशव्यापी गांव बंद आंदोलन का एेलान किया है। इस दौरान दस दिन तक किसानों से अपने उत्पाद दूध, अनाज एवं सब्जियां बाजार में न बेचने का आह्वान किया गया है।
6 को काला दिवस
मंदसौर में बीते साल हुए गोलीकांड के विरोध में जिले की किसान यूनियन 6 जून काला दिवस मनाएगी। जिलेभर के हजारों किसान जिला मुख्यालय पर इकठ्ठा होकर धरना प्रदर्शन करेंगे। कलेक्ट्रेट का घेराव कर किसानों की पांच सूत्रीय मांगों का ज्ञापन प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपा जाएगा।
6 घंटे खोलनी होंगी राशन दुकान
आंदोलन को देखते हुए प्रमुख सचिव खाद्य नागरिक आपूर्ति नीलम शमी राव ने कहा कि सभी पात्र हितग्राहियों को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली में दी जाने वाली सामग्री की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। सभी उचित मूल्य दुकानें रविवार एवं सार्वजनिक अवकाश को छोड़ कर न्यूनतम 6 घंटे प्रतिदिन खुलेंगी। पात्र को खाद्यान्न देने से इंकार नहीं किया जाएगा।
आवश्यक इंतजाम के निर्देश
आंदोलन के मद्देनजर लगातार कलेक्टरों को पेट्रो ईंधन, एलपीजी सप्लाई सहित फल-सब्जियों की आपूर्ति सतत बनाए रखने के आवश्यक इंतजाम करने को कहा गया है। कलेक्टर मुकेश कुमार शुक्ला ने वर्तमान अवधि में पेट्रोल, डीजल, केरोसिन एवं एलपीजी की निर्बाध आपूर्ति बनाए रखने के संबंधित कानूनी प्रावधानों का सख्ती से पालन करने के निर्देश डीलर और संबंधित अधिकारियों को दिए हैं। प्रत्येक डीलर यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएंगे कि कारोबार परिसर में भंडार स्थल के अंतर्गत समय पर कैरोसिन का पर्याप्त स्टाक उपलब्ध रहे। एलपीजी का स्टाक उपलब्ध रखने कहा गया है।
ऑयल का पर्याप्त स्टाल उपलब्ध रहे प्रत्येक व्यापारी को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसके पास उसके कारोबार परिसर में सभी समय पर ऑयल का पर्याप्त स्टाल उपलब्ध रहे। कलेक्टर ने कहा कि पेट्रोल, डीजल, एलपीजी और केरोसिन की पर्याप्त उपलब्धता बनाये रखने का दायित्व संबंधित व्यापारी का है, जिसका पालन नहीं करने पर इन नियमों के तहत कार्रवाई की जा सकती है। किसी भी आंदोलन के बाद इनके परिवहन एवं वितरण में किसी भी प्रकार का व्यवधान होने पर उन्हें आवश्यक पुलिस सुरक्षा दी जायेगी।
रिलीविंग-पोस्टिंग पर एसपी की रोक
जिला पुलिस बल से दीगर जिलों में तबादला होने और अन्य जिलों से सतना जिले में तबादले पर आए पुलिस अधिकारियों की रिलीविंग व पोस्टिंग फिलहाल अधर में अटकी है। एक जून से 10 जून तक किसान आंदोलन के मद्देनजर एसपी ने इस पर रोक लगा रखी है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि 10 जून के बाद ही जिले की कानून व्यवस्था में फेरबदल किया जाएगा। इस बीच वह पुलिस अधिकारी अपने घोड़े दौड़ाने में लगे हैं जो शहर का थाना चाहते हैं।
पोस्टिंग के लिए अपना जुगाड़ दूसरी ओर उन पुलिस अधिकारियों की परेशानी भी बढ़ती जा रही है जो तबादला आदेश जारी होने के बाद नए जिलों में पोस्टिंग के लिए अपना जुगाड़ जमाए बैठे थे। अभी पुलिस अधीक्षक राजेश हिंगणकर का पूरा फोकस सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था बेहतर बनाए रखने पर है। प्रदेश स्तर से आदेश जारी होने के बाद उप निरीक्षक और निरीक्षक स्तर के पुलिस अधिकारियों की रिलीविंग व पोस्टिंग में एसपी हिंगणकर कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहते।
सिफरिस का दौर तेज यही वजह है कि उन्होंने जिला स्तर पर नई व्यवस्था के आदेश जारी नहीं किए। जबकि मुख्यमंत्री के सतना प्रवास के बाद यह कार्रवाही तय हो चुकी थी। पर किसान आंदोलन की खबर के बाद अब कुछ दिनों का विराम दिया गया है। इन सब के बीच सिफरिस का दौर तेज है। चर्चा है कि थाना कोलगवां, कोतवाली, सिविल लाइन, अमरपाटन के लिए निरीक्षकों की दौड़ तेज है।