मध्यांचल ग्रामीण बैंक शाखा लगरगवां (4027) द्वारा आधा सैकड़ा किसानों को ऋण वसूली के नोटिस जारी किये गए थे। जिसमें से कुछ किसान क्रेडिट कार्ड से लिये गए कृषि ऋण और कुछ आवास योजना के ऋण वसूली के थे। लेकिन किसान क्रेडिट कार्ड से लिये गये कृषि ऋणों की वसूली के लिये नोटिस का मामला जब सार्वजनिक हुआ तो हड़कम्प मच गया। जिले से लेकर भोपाल स्तर तक ऋण वसूली के नोटिस की गूंज सुनाई दी और आनन फानन में जवाब तलबी का दौर शुरू हो गया। इधर कलेक्टर के निर्देश पर जिला स्तर पर एक टीम जांच करने के लिये मौके पर भेजी गई तो दूसरी ओर संयुक्त संचालक संस्थागत वित्त ने भी मध्यांचल ग्रामीण बैंक से जवाब तलब कर लिया।
बैंक ने कहा स्वीकृत सीमा से ज्यादा था ऋण इस मामले में मध्यांचल ग्रामीण बैंक के महाप्रबंधक (परिचालन) ने संयुक्त संचालक संस्थागत वित्त संचालनालय को भेजे अपने जवाब में बताया है कि बैंक की लगरगवां शाखा द्वारा खाता क्रमांक 8073307371 ऋणी मृगेन्द्र सिंह पिता बाला प्रसाद निवासी गोबराव खुर्द को 9924.43 रुपये एवं खाता क्रमांक 8073309855 ऋणी वंशीलाल पिता दीनबंधु ग्राम गोबराव खुर्द को 147116.95 रुपये की सूचना नोटिस जारी की गई है। साथ ही बैंक शाखा की ओर से फसल ऋण माफी योजना के तहत जो दावा प्रस्तुत किया गया था उसमें मृगेन्द्र सिंह के खाते में ऋण राशि 58888.14 रुपये एवं दीनबंधु सिंह के खाते में राशि 149602.13 रुपये की थी। बताया गया है कि दोनों खाते जय किसान फसल ऋण माफी योजना में पात्र हैं, लेकिन शासन द्वारा प्रथम दौर में 50,000 रुपये बकाया ऋण शेष तक के नियमित खातों को स्वीकृति दी गई थी। इन खातों में 50,000 से ज्यादा का बकाया शेष होने के कारण अभी शासन द्वारा स्वीकृति सूची में नहीं है।
ब्याज सहायता लाभ का है नोटिस बैंक प्रबंधन ने बताया है कि किसानों को ब्याज की सहायता का लाभ प्राप्त करने के लिये नोटिस के माध्यम से जानकारी दी जाती है। जिससे खाते नियमित बने रहे एवं किसान खातों में पैसा जमा कराकर ब्याज की सहायता का लाभ उठा सकें। बैंक प्रबंधन के इस जवाब से यह तो स्पष्ट हो गया है कि बैंक प्रबंधन नोटिस के मामले में गलत नहीं था। शासन स्तर से चालू खातों में सिर्फ 50,000 की ऋण माफी की अनुमति प्रथम चरण में दी गई थी और संबंधित किसान इस पात्रता से बाहर थे। लिहाजा प्रथम चरण में उनकी ऋण माफी नहीं हुई थी।
इधर जिला स्तरीय जांच टीम की दूसरी सफाई चुनावी सीजन में ऋण वसूली नोटिस को लेकर गरमाई राजनीति के बीच कलेक्टर के आदेश पर एलडीएम पीसी वर्मा के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच टीम संबंधित बैंक शाखा तक पहुंची। इसमें सीईओ जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक केएल रैकवार, डीडीए आरएस शर्मा शामिल रहे। इनके द्वारा की जांच में पाया गया कि कुल 70 नोटिस जारी किये गये थे। जिसमें से 60 नोटिस मुख्यमंत्री आवास योजना के थे और 10 नोटिस केसीसी ऋण माफी के थे। इसमें से इन 10 मामलों में टीम ने नोटिसवार जारी राशि और 31 मार्च की स्थिति में ऋण माफी में बकाया की सूची तैयार की गई। हालांकि इसमें माना गया कि प्रथम चरण में इनके ऋण माफी दावे स्वीकृत सूची में नहीं है। लेकिन योजना के तहत पात्रता सूची में आते हैं। लिहाजा इन किसानों को नोटिस नहीं भेजा जा सकता था। एलडीएम पीसी वर्मा के अनुसार बैंक के शाखा प्रबंधक ने स्वीकार किया है कि आवास ऋण के साथ कुछ नोटिस केसीसी के गलत जारी हो गये हैं। जिन्हें बैंक की ओर से व्यक्ति भेज कर वापस मंगाया जा रहा है साथ उन किसानों को सूचना दी जा रही है कि उन्हें कोई ऋण भुगतान नहीं करना है।