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सतना

कॉउंसलिंग के बाद पदस्थापना का इंतजार, नस्ती दबाकर बैठा डीईओ दफ्तर

उत्कृष्ट विद्यालयों के अतिशेष शिक्षकों की अन्य विद्यालयों में पदस्थापना का मामला

सतनाJun 21, 2019 / 12:58 am

Ramashankar Sharma

In DEO office file is missing

In DEO office file is missing

सतना. उत्कृष्ट विद्यालयों में ऑनलॉइन चयन परीक्षा से चयनित शिक्षकों की विद्यालयों में उपस्थिति के बाद अतिशेष शिक्षकों की अन्यत्र पदस्थापना के लिए काउंसिलिंग को 10 दिन गुजर चुके हैं पर अभी तक उनके पदस्थापना आदेश भी जारी नहीं हो सके हैं। मामले में डीइओ कार्यालय द्वारा बिना नोटशीट और नस्ती के खाली सूची पहुंचाने की खानापूर्ति किए जाने पर जिपं सीईओ ने उसे वापस लौटा दिया था। तब से डीईओ कार्यालय वापस नस्ती जिपं सीईओ तक नहीं पहुंचाया है। इस वजह से अभी तक पदस्थापना का मामला लटका हुआ है।
बताया गया कि नियमानुसार काउंसलिंग के दूसरे या तीसरे दिन तक संबंधित शिक्षकों को पदस्थापना आदेश जारी कर दिए जाने चाहिए थे। लेकिन 10 दिन गुजर गए हैं, अभी तक उनके आदेश जारी नहीं किए गए हैं। इसमें चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि डीईओ कार्यालय द्वारा विलंब का ठीकरा जिपं सीइओ पर फोड़ा जा रहा कि वहां से आदेश नहीं हो रहा है। जबकि हकीकत यह सामने आई है कि काउंसलिंग के बाद पूरी नस्ती जिपं सीइओ के सामने प्रस्तुत न कर खाली सूची प्रस्तुत की गई थी। इस पर जिपं सीईओ ने आपत्ति जाहिर करते हुए पूरी नोटशीट के साथ नस्ती प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। लेकिन अभी तक यह नस्ती उनके सामने नहीं पहुंची है।
यह है मामला
उत्कृष्ट विद्यालयों में ऑनलाइन चयनित शिक्षकों की पदस्थापना के बाद जिला शिक्षाधिकारी को इन विद्यालयों में अतिशेष शिक्षकों की अन्यत्र पदस्थापना के लिए काउंसिलिंग करानी थी। लेकिन कई जिलों में यह कार्य नहीं किया गया। नतीजा, उत्कृष्ट विद्यालयों में काफी संख्या में अतिशेष शिक्षक हो गए और उनके पास पढ़ाई का जिम्मा भी नहीं रहा। लिहाजा खाली बैठे वेतन ले रहे थे। इस मामले को देखते हुए 29 मई को आयुक्त लोक शिक्षण जयश्री कियावत ने सभी डीईओ और उत्कृष्ट विद्यालयों के प्राचार्यों को शो-काज जारी करते हुए तत्काल काउंसिलिंग करने के निर्देश दिए। साथ ही यह भी चेताया कि अगर इन्हें तय समयावधि में कार्यमुक्त नहीं किया गया तो जून माह का इन शिक्षकों का वेतन डीईओ और उत्कृष्ट प्राचार्य से वसूला जाएगा।
शिक्षकों का वेतन रोकने नियम विरुद्ध आदेश

आयुक्त लोक शिक्षण ने काउंसलिंग में विलंब पर अपने पत्र में स्पष्ट चेताया था कि अगर शिक्षकों को कार्यमुक्त नहीं किया जाता है तो इन शिक्षकों को दिए जाने वाले वेतन का माह जून से संबंधित डीईओ और उत्कृष्ट प्राचार्यों के वेतन से वसूला जाएगा। लेकिन अधिकारियों ने खुद को बचाने आनन फानन में सभी बीईओ को पत्र जारी करते हुए शिक्षकों का ही जून माह का वेतन भुगतान न करने का आदेश जारी कर दिया। जो नियम विरुद्ध है।
इनकी हुई काउंसलिंग
आयुक्त लोक शिक्षण के निर्देश के बाद 10 जून को ऐसे अतिशेष 136 शिक्षकों को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया और देर रात तक काउंसलिंग की गई। इसमें हाइस्कूल के 77 और हायर सेकंडरी के 54 शिक्षक बुलाए गए थे। हाईस्कूल व हायर सेकण्डरी से गायब रहे 2-2 शिक्षक बताया गया है कि हाईस्कूल से विज्ञान के 20, गणित के 15, संस्कृत के 5, अंग्रेजी के 7, हिन्दी के 13 और सामाजिक विज्ञान के 17 शिक्षकों को काउंसिलिंग के लिये बुलाया गया था। जिसमें से सामाजिक विज्ञान के 2 शिक्षकों को छोड़कर सभी विषयों के शिक्षक काउंसिलिंग के लिये पहुंचे। हायर सेकण्डरी में अंग्रेजी के 6, हिन्दी के 5, भौतिक शास्त्र को 8, रसायन शास्त्र के 5, इतिहास के 4, गणित के 7, जीव विज्ञान के 5, समाज शास्त्र के 1, वाणिज्य के 6, भूगोल के 2, राजनीति के 4, संस्कृत के 1 शिक्षक को मिलाकर कुल 54 शिक्षकों को बुलाया गया था। लेकिन हिन्दी व भौतिक शास्त्र से एक-एक शिक्षक अनुपस्थित रहे।
” डीइओ को नोटशीट सहित नस्ती प्रस्तुत करने कहा था। अभी तक सामने नहीं आई है। इस मामले का अगले दिन तक निराकरण कर लिया जाएगा।”

– साकेत मालवीय, जिपं सीईओ

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