यह है मामला
उत्कृष्ट विद्यालयों में ऑनलाइन चयनित शिक्षकों की पदस्थापना के बाद जिला शिक्षाधिकारी को इन विद्यालयों में अतिशेष शिक्षकों की अन्यत्र पदस्थापना के लिए काउंसिलिंग करानी थी। लेकिन कई जिलों में यह कार्य नहीं किया गया। नतीजा, उत्कृष्ट विद्यालयों में काफी संख्या में अतिशेष शिक्षक हो गए और उनके पास पढ़ाई का जिम्मा भी नहीं रहा। लिहाजा खाली बैठे वेतन ले रहे थे। इस मामले को देखते हुए 29 मई को आयुक्त लोक शिक्षण जयश्री कियावत ने सभी डीईओ और उत्कृष्ट विद्यालयों के प्राचार्यों को शो-काज जारी करते हुए तत्काल काउंसिलिंग करने के निर्देश दिए। साथ ही यह भी चेताया कि अगर इन्हें तय समयावधि में कार्यमुक्त नहीं किया गया तो जून माह का इन शिक्षकों का वेतन डीईओ और उत्कृष्ट प्राचार्य से वसूला जाएगा।
इनकी हुई काउंसलिंग
आयुक्त लोक शिक्षण के निर्देश के बाद 10 जून को ऐसे अतिशेष 136 शिक्षकों को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया और देर रात तक काउंसलिंग की गई। इसमें हाइस्कूल के 77 और हायर सेकंडरी के 54 शिक्षक बुलाए गए थे। हाईस्कूल व हायर सेकण्डरी से गायब रहे 2-2 शिक्षक बताया गया है कि हाईस्कूल से विज्ञान के 20, गणित के 15, संस्कृत के 5, अंग्रेजी के 7, हिन्दी के 13 और सामाजिक विज्ञान के 17 शिक्षकों को काउंसिलिंग के लिये बुलाया गया था। जिसमें से सामाजिक विज्ञान के 2 शिक्षकों को छोड़कर सभी विषयों के शिक्षक काउंसिलिंग के लिये पहुंचे। हायर सेकण्डरी में अंग्रेजी के 6, हिन्दी के 5, भौतिक शास्त्र को 8, रसायन शास्त्र के 5, इतिहास के 4, गणित के 7, जीव विज्ञान के 5, समाज शास्त्र के 1, वाणिज्य के 6, भूगोल के 2, राजनीति के 4, संस्कृत के 1 शिक्षक को मिलाकर कुल 54 शिक्षकों को बुलाया गया था। लेकिन हिन्दी व भौतिक शास्त्र से एक-एक शिक्षक अनुपस्थित रहे।