शराब जैसी सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म करने के लिए सामाजिक चेतना जगाने का बीड़ा महिलाओं ने उठाया है। सतना जिले की ग्राम पंचायत इटमा शराब के खिलाफ लगातार कड़े कदम उठा रही है। पंचायत ने शराब की बिक्री पर न केवल प्रतिबंध लगाया है, बल्कि ऐसा करने वालों पर जुर्माना और सामाजिक बहिष्कार तक का कदम उठाया है। इसी कड़ी में अब अब ग्राम पंचायत की महिलाओं ने शराब पीने वालों को भी सबक सिखाने का निर्णय लिया है।
इसके लिए महिलाओं ने ‘मूसरमार सेना’ तैयार की है। जो भी शराब को सेवन करते दिया उस पर इससे वार किया जाएगा। दरअसल, शराब के अवैध कारोबार की जद में आकर बढ़ती नशे की लत से ग्रामवासियों को बचाने के लिए रामनगर जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत बड़ा इटमा ने खुद ही सुधार का निर्णय लिया है। 22 अप्रेल को सरपंच गीता पाण्डेय के नेतृत्व में गांववासियों की सामाजिक बैठक आयोजित की गई। इसमें सभी ने एक मत से निर्णय लिया कि गांव में शराब बिक्री प्रतिबंधित की जाए।
गांव के सुभाष पाण्डेय ने बताया कि यहां महिलाओं ने सरपंच की प्रेरणा से शराब मुक्ति की दिशा में काम प्रारंभ कर दिया है। महिलाओं ने एक बैठक कर ‘मूसरमार सेना’ का गठन किया है। इसका काम होगा कि गांव में शराब पीने वालों पर नजर रखे और ऐसा करने से पहले उन्हें रोकेगी। इसके बाद भी सुधार नहीं होने पर मूसरमार सेना उनका अपने तरीके से उपचार करेगी।
हमने ग्राम पंचायत को पूरी तरह नशामुक्त पंचायत बनाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री भी यही चाहते हैं। शराब की वजह से आए दिन विवाद होते हैं और घर में भी कलह बनी रहती है। सामाजिक तौर पर पंचायत इसका उन्मूलन करने में जुटी है।
-गीता पाण्डेय, सरपंच, बड़ा इटमा