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सतना

किसानों के भुगतान को लेकर प्रबंध संचालक नरहरि गंभीर, स्वीकृति पत्रक में विलंब पर जताया असंतोष

जिला विपणन अधिकारी को जारी किया नोटिस

सतनाJun 08, 2020 / 02:46 am

Ramashankar Sharma

Managing Director Narhari serious about payment of farmers

Managing Director Narhari serious about payment of farmers

सतना. परिवहन व्यवस्था की नाकामी के चलते बेमौसम बारिश में विलंबित हुई भण्डारण व्यवस्था के कारण जहां किसानों के भुगतान में लेटलतीफी तो तय है साथ ही जो गेहूं खराब हो गया है उसका भुगतान कैसे होगा इस पर अभी कोई निर्णय नहीं होने से किसान भुगतान को लेकर असमंजस में है। इसके बीच जिस उपज का परिवहन और भण्डारण हो चुका है उसके भी स्वीकृति पत्रक में विलंब होने से किसान अब परेशान होने लगा है। बारिश सिर पर आ चुकी है और उसे कृषि कार्य के लिये जल्द ही पैसों की आवश्यकता होगी। लेकिन स्वीकृत पत्रक जारी न होने से भुगतान नहीं हो पा रहा है। इस मामले को म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ के प्रबंध संचालक पी नरहरि ने संज्ञान में लेते हुए न केवल खेदजनक बताया है बल्कि जिला विपणन अधिकारी को जारी नोटिस में परिवहित मात्रा के विरुद्ध तत्काल स्वीकृति पत्रक जारी करने के निर्देश दिए है। सतना जिले में स्वीकृति पत्रक जारी न होने के कारण किसानों का 56.22 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं हो पा रहा है।
डीएमओ को लिखा पत्र

मिली जानकारी के अनुसार प्रबंध संचालक नरहरि ने समर्थन मूल्य पर खरीदे गए गेहूं की शेष मात्रा के परिवहन और स्वीकृति पत्रक जारी करने को लेकर गंभीरता दिखाई है। हालांकि इस मसले पर वे पहले भी जिला विपणन अधिकारी को इस संबंध में लिख चुके हैं लेकिन कोई ठोस प्रगति नजर नहीं आने पर उन्होंने इस स्थिति पर खेद जताते हुए दोबारा जिला विपणन अधिकारी को पत्र लिखा है। उन्होंने इस पर आपत्ति जताई है कि उपार्जित मात्रा के विरुद्ध काफी मात्रा में परिवहन शेष है साथ ही जो परिवहन हो चुका है उसके स्वीकृत पत्रक जारी नहीं हुए हैं। सतना के संबंध में उन्होंने कहा है कि यहां गेहूं का अत्यधिक मात्रा में परिवहन अभी शेष है। इसी तरह सतना में स्वीकृति पत्रक भी बड़े पैमाने पर जारी नहीं हो सके हैं।
बनाएं वैकल्पिक व्यवस्था

उन्होंने परिवहन की लापरवाही पर नाराजगी जाहिर करते हुए निर्देश दिए हैं कि खरीदी केन्द्रों में रखे गेहूं का शीघ्र परिवहन किया जाए। परिवहन में गति लाने परिवहन निविदा में निहित प्रावधानों के अनुसार परिवहन की व्यवस्था भी बनाई जाए। जिससे यथाशीघ्र परिवहन होकर किसानों को भुगतान हो सके। उल्लेखनीय है कि परिवहन निविदा में निहित प्रावधान अनुसार रेडी टू ट्रांसपोर्ट स्कंध का 48 घंटे में उठाव नहीं होने पर परिवहनकर्ता पर पेनाल्टी लगाना है। लेकिन इस दिशा में संबंधित विभाग परिवहनकर्ता के बचाव में खड़ा नजर आ रहा है।
यह है जिले की स्थिति

गेहूं खरीदी के मामले में सतना कि स्थिति देखे तो यहां 3.19 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया। 5 जून की स्थिति में 39 हजार मीट्रिक टन गेहूं का परिवहन शेष था। इस समय तक 2.71 लाख गेहूं का परिवहन व भण्डारण हो चुका है। परिवहित मात्रा के विरुद्ध 29209 मीट्रिक टन गेहूं के स्वीकृति पत्रक जारी होने शेष है। जब तक स्वीकृति पत्रक जारी नहीं होंगे तो जस्ट इन टाइम व्यवस्था के तहत किसानों को गेहूं का भुगतान नहीं हो सकेगा। इस मात्रा के अनुसार किसानों का 56.22 करोड़ का भुगतान बकाया है। इसी तरह से चना, मसूर एवं सरसों की भी स्थिति है। सतना जिले में 7588 मीट्रिक टन की खरीदी हुई है जिसके विरुद्ध 68 फीसदी ही परिवहन हो सका है। 2455 मीट्रिक टन का परिवहन शेष है। तथा परिवहन हो चुके चना, मसूर और सरसों के 2183 मीट्रिक टन के स्वीकृति पत्रक जारी नहीं हो सके हैं। जिससे किसानों का भुगतान अटका हुआ है।
किसान में नाराजगी

इस मामले में अब किसान नेता सक्रिय होने लगे हैं। इनका कहना है कि किसानों को अपनी फसल बेचे महीने भर होने को हैं लेकिन अभी तक भुगतान नहीं हुआ है। बारिश का मौसम सिर पर आ गया है किसानों को जुताई आदि के लिये पैसों की शीघ्र आवश्यकता है साथ ही उन्होंने लोगों से जो उधार आदि लिया है उसे भी वापस करना है लेकिन इस तरह विलंब होता रहा तो किसान को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।

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