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सतना

220 करोड़ के मेडिकल कॉलेज प्रोजेक्ट पर अभी भी पीएम आवास बाधा

अन्यत्र पट्टा देने के बाद भी आवास नहीं हटाने से नहीं बन पा रही मेन बिल्डिंगनगर निगम के संबंधित अफसरोंं ने नियम विरुद्ध तरीके से बनवा दिए थे पीएम आवास

सतनाFeb 26, 2020 / 01:38 am

Ramashankar Sharma

medical college project is facing the brunt of ignoring the officials

medical college project is facing the brunt of ignoring the officials

सतना. 220 करोड़ के मेडिकल कॉलेज निर्माण की सबसे बड़ी बाधा अभी तक हट नहीं सकी है। मेडिकल कॉलेज के लिए आरक्षित जमीन पर नियम विरुद्ध तरीके से पीएम आवास स्वीकृत कर आवास निर्माण कराने वाले तकनीकि अधिकारियों की लापरवाही का दंश अभी तक निर्माण विभाग भोग रहे हैं। हालात यह है चार माह से ज्यादा समय गुजरने के बाद भी मेडिकल कॉलेज की मेन बिल्डिंग को निर्माण के लिये जगह नहीं मिल पाने से इसका काम रुका हुआ है। हालांकि इस बाधा को हटाने के लिये यहां बसाए गए लोगों को अन्यत्र पट्टे भी दे दिये गए हैं। लेकिन अब इन आवासों को हटाने का काम राजस्व और निगम के जिम्मेदार नहीं कर रहे हैं, जिससे काम शुरू नहीं हो पा रहा है।
नहीं शुरू हो पा रहा मेन बिल्डिंग का काम
केंद्रीय जेल के पीछे स्थित डोंगरी में मेडिकल कॉलेज निर्माण के लिए 220 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिलने के साथ ही इसका वर्क ऑर्डर भी जारी हो चुका है। इसके साथ ही यहां ठेकेदार ने काम भी शुरू कर दिया है। लेकिन जिस स्थान पर मेडिकल कॉलेज की मेन बिल्डिंग बननी है वहां नगर निगम ने 14 लोगों को पीएम आवास आवंटित कर दिये हैं। निगम के पीएम आवास प्रभारी ने शासन के नियमों की अनदेखी करते हुए पहले तो यहां उन्हें पीएम आवास की स्वीकृति दे दी। इसके बाद बिना मौका मुआयना किये ही राशि जारी कर हितग्राहियों की मर्जी से उन्हें आवास बनाने दिया। नतीजा यह हुआ कि जब मेडिकल कॉलेज का कार्य प्रारंभ करने नक्शे के अनुसार सीमांकन शुरू हुआ तो पाया गया कि जहां मेन बिल्डिंग बननी है वहां 14 पीएम आवास खड़े हैं। ऐसे में काम शुरू होने की स्थिति ही नहीं बनी। इसके अलावा यहां अन्य स्थानों पर अतिक्रमण पाया गया। पत्रिका ने मुद्दे को प्रमुखता से उठाया तब निवृतमान कलेक्टर खुद मौके पर गए और यहां अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए।
14 आवास अभी बाधक

कलेक्टर के निर्देश के बाद राजस्व अमले ने यहां के अतिक्रमण तो हटा दिये लेकिन जिन आवासों को पीएम आवास योजना के तहत बनाया गया था उन्हें नहीं गिराया गया। यह तय किया गया कि इन्हें कहीं अन्यत्र पट्टा दे दिया जाए। इसके बाद पट्टा आवंटन की प्रक्रिया प्रारंभ की गई। अब संबंधित 14 लोगों को पट्टा भी दिया जा चुका है इसके बाद भी संबंधित आवास नहीं गिराए जा रहे हैं, जिससे इस स्थल का काम रुका हुआ है।
… तो अब तक एक फ्लोर ढाल देते
मामले में पीआईयू के अधिकारियों का कहना है कि मेडिकल कॉलेज की मुख्य भवन निर्माण स्थल में आवास की वजह से काम में तेजी नहीं आ पा रही है। बताया कि आवास एरिया से अलग जहां हॉस्टल और डॉक्टर्स क्वार्टर बनने हैं वहां काम तेजी से चल रहा है और ग्राउण्ड लेबल से ऊपर तक का निर्माण हो चुका है। लेकिन जहां मेन बिल्डिंग बननी है वहां का काम काफी धीमी गति से चल रहा है और ज्यादातर हिस्से में पीएम आवास के कारण काम ही शुरू नहीं हो पा रहा है। बताया गया है कि अभी तक सवा दो करोड़ का काम हो चुका है। पीएम आवास अगर हट जाते हैं तो काम तेजी से प्रारंभ हो जाएगा। बताया गया कि अगर यहां पर आवास नहीं होते तो मेडिकल कॉलेज मेन बिल्डिंग का काम एक फ्लोर ढलने की स्थिति में आ जाता।
दो साल में चार माह यूं ही बीते

पीआईयू के अधिकारी बता रहे कि यह प्रोजेक्ट दो साल की समय सीमा का है लेकिन चार माह यूं ही गुजर गए हैं। अगर अभी भी विलंब होता है तो प्रोजेक्ट काफी पीछे खिसक जाएगा। आवास की वजह से अभी इन स्थलों पर खुदाई का काम ही हो सका है और शेष स्थल पर कोई काम नहीं हो पा रहा है।

” अगर आवास स्थल खाली कराकर दे दिया जाता है तो प्रोजेक्ट को पूरा होने में ज्यादा विलंब नहीं होगा। इस वजह से मेन बिल्डिंग का काम प्रभावित हो रहा है।”
– सुभाष पाटिल, ईई पीआईयू
” संबंधितों को कृपालपुर के पुरैनिहा टोला में पट्टे आवंटित कर दिए गए हैं। जल्द ही भवन गिराने की कार्रवाई की जाएगी।”

– पीएस त्रिपाठी, एसडीएम

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