कक्षा 3, 5 व 8 में अध्यनरत बच्चों की क्षमता आकलन के लिए राज्य शिक्षा केन्द्र ने यूनिसेफ के सहयोग से पूरा कार्यक्रम निर्धारित किया है। उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन में भी पूरी पारदर्शिता बरतने के निर्देश दिए हैं। यह भी स्पष्ट किया है कि उच्च कक्षाओं को पढ़ाने वाले शिक्षकों से ही मूल्यांकन कार्य कराया जाए। साथ ही प्राप्त अंकों को उसी दिन पोर्टल पर अपलोड कर रेस्पांस शीट में ट्रांस्फर किया जाएगा। ताकि, इनका विश्लेषण यूनिसेफ एवं एआईआर (अमेरिकन इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च) द्वारा कराया जा सके। इनके विश्लेषण के आधार पर ही हर स्टूडेंट का रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जाएगा।
प्रतिभा पर्व के जरिए बच्चों के साथ शिक्षकों की अकादमिक जरूरतों का भी आकलन किया जाएगा। ताकि, भविष्य में उन्हें प्रशिक्षण, पाठ्यपुस्तकों व अन्य पूरक सामग्री उपलब्ध कराने में मदद मिल सके। इस प्रकार से उनमें सीखने-सिखाने की पृवत्ति बढ़ेगी और सरकारी शैक्षणिक गुणवत्ता का विकास होगा।