अन्य जिलों से आए फॉर्म 12 के बाद भी अभी तक एक भी डाक मतपत्र उन्हें जारी नहीं किए हैं। डाक मतपत्र वितरण को लेकर जानकारों ने जो प्रक्रिया बताई है उसमें संबंधित शासकीय सेवक फॉर्म 12 में आवेदन करता है। इसके बाद जांच होती है। जांच में फॉर्म 12 सही पाए जाने पर डाक मतपत्र प्रकोष्ठ द्वारा चिह्नित मतदाता सूची में पीवी स्टाम्प लगाने के बाद डाक मतपत्र जारी किया जाता है।
इससे तय हो जाता है कि डाक मतपत्र पाने वाला व्यक्ति मतदान नहीं कर सकेगा। सतना में विपरीत प्रक्रिया अपनाई। तीन केन्द्र व्यंकट क्रमांक 2, कन्या धवारी और इंदिरा कन्या कॉलेज पर अवलोकन वाली मतदाता सूची के आधार पर फार्म 12 में भरी। जांच के बाद उन्हें डाक मतपत्र जारी किया। चिह्नित मतदाता सूची की प्रति नहीं होने से उसमें ‘पीवी’ नहीं लिखा। इसके बाद लोगों ने वहीं अपने डाक मतपत्र जमा कर दिए।
यह दी सफाई
उधर इस मामले में डाक मतपत्र प्रकोष्ठ के अधिकारियों की सफाई रही कि यदि कोई दो बार या ज्यादा बार अलग-अलग केन्द्रों से डाक मतपत्र लेकर वोट करता है तो वह पकड़ में आ जाएगा। क्योंकि जिन्हें पीवी दिए गए हैं उसे जब चिन्हित मतदाता सूची प्रति में इंट्री करेंगे तो दूसरी बार इंट्री होने पर वह पकड़ में आ जाएगा।
नहीं बता सके संख्या
उधर इस मामले में जिला निर्वाचन कार्यालय में जब आज जारी किए गए डाक मतपत्रों की संख्या पूछी गई तो वह आज जारी किए गए डाक मतपत्रों की संख्या नहीं बता सके। इस संबंध में दबी जुबान उन्होंने यह बताया कि कुछ लोगों ने दो-दो डाकमतपत्र ले लिए हैं। इसलिये अभी उसे चेक कराया जा रहा है।
व्यंकट-2 का कर्मी रहा चर्चा में
बताया गया है कि चिह्नित मतदाता सूची की प्रति न होने से तीनों केन्द्रों में रजिस्टर में नाम लिखा गया और अवलोकन वाली मतदाता सूची के आधार पर ही वैलेट पेपर जारी कर दिये गए। इसमें इस बात की गुंजाइश थी कि इस प्रक्रिया के तहत कोई भी व्यक्ति दो जगह से डाक मतपत्र जारी करवा कर दो बार मतदान कर दें। केन्द्रों में इस बात की चर्चा जोरों पर रही कि कुछ लोगों ने ऐसा किया भी है।
दोनों जगहों में पोस्टल वैलेट से मतदान किया इसमें व्यंकट-2 के एक कर्मचारी का नाम काफी चर्चा में रहा कि उसने कन्या धवारी और व्यंकट 2 दोनों जगहों में पोस्टल वैलेट से मतदान किया है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है लेकिन सवाल यह है कि यदि जांच में नाम पकड़ा भी जाता है तो मतपेटी से उस वोट को किस नियम के तहत निरस्त करेंगे, क्योंकि आयोग के नियम के तहत दो डाक मतपत्र तो जारी ही नहीं हो सकते हैं।