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सतना

मोदी की परीक्षा में पास हुआ मध्यप्रदेश का यह जिला, अब बनेगा शिवराज का सिंगापुर

मोदी की परीक्षा में पास हुआ मध्यप्रदेश का यह जिला, अब बनेगा शिवराज का सिंगापुर

सतनाJun 30, 2018 / 02:18 pm

suresh mishra

NITI Aayog announces First Delta ranking, singrauli at 62

NITI Aayog announces First Delta ranking, singrauli at 62

सतना। नीति आयोग ने आकांक्षी जिलों में पिछले दो महीने में आए सुधार को लेकर पहला डेल्टा रैंकिंग जारी की है। देशभर की लिस्ट में 99वीं रैंक पर काबिज मध्यप्रेदश के सिंगरौली जिले में सुधार होकर 62वीं रैंक पर आ गया। सिंगरौली के साथ ही प्रदेश के दमोह, गुना, खंडवा, छतरपुर, विदिशा, बड़वानी और राजगढ़ की रैंकिग में भी सुधार हुआ है। आयोग ने 117 आकांक्षी जिलों में से 108 जिलों की रैंकिंग के नतीजे जारी किए गए हैं। ये डेल्टा रैंकिंग 5 बिंदुओं को लेकर की गई है। जिलों की रैंकिंग जिसमें स्वास्थ्य-पोषण, शिक्षा, कृषि, जल संसाधन, वित्तीय समावेश और स्किल डेवलपमेंट के साथ बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर शामिल है। ये आंकड़े 31 मार्च 2018 से 31 मई, 2018 के बीच के हैं।
मोदी की भविष्यवाणी हुई सच
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि युवा आइएएस अफसर पिछड़े जिलों में अच्छे परिणाम देते हैं। इस भविष्यवाणी को सिंगरौली के युवा आइएएस अनुराग चौधरी ने कर दिखाया है। सिंगरौली जिला सबसे पिछड़े जिलों की रैंकिंग में तीसरे नंबर पर है। इसके साथ ही प्रदेश के 7 अन्य जिले 101 पिछड़े जिलों की सूची में शामिल थे। नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक पॉवर हब के रूप में ख्यात सिंगरौली जिला भुखमरी, कुपोषण और बीमारी से बेजार है। बुनियादी सुविधाओं और पानी की कमी से हालात खराब हुए हैं। नीति आयोग ने देश के 101 जिलों के 49 संकेतकों के आधार पर रैंकिंग जारी की है। शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, कृषि, कौशल विकास, आर्थिक समावेशन, बुनियादी ढांचा के मामले में सबसे पिछड़े जिलों में हरियाणा का मेवात पहले, तेलंगाना का आसिफाबाद दूसरे और मप्र का सिंगरौली तीसरे नंबर पर था।
सीएम का सपना होगा सच
सीधी से विभाजित कर सिंगरौली को नए जिले की सौगात देते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंगापुर की तर्ज पर विकसित करने का वादा किया था। उन्होंने कोयला के अकूत भंडार और बिजली कारखानों की संख्या को देखते हुए यह बात कई बार दोहराई थी। सिंगरौली जिले के गठन के समय से यहां के प्रभारी मंत्री राजेंद्र शुक्ल हैं। फिर भी हालात नहीं बदल रहे थे। लेकिन युवा आइएएस अनुराग चौधरी ने सीएम के सपने सच बनाने में लगे हुए है।
अनुराग से पहले 6 युवा आइएएस ने दी सेवाएं
सिंगरौली जिले का गठन 2008 में हुआ था। नौ साल में नौ कलेक्टरों की पदस्थापना हुई। इनमें से सात सीधे आइएएस चयनित युवा अफसर विवेक पोरवाल, पी नरहरि, मनोज खत्री, एम सेलवेंद्रम, रघुराज राजेंद्रन, शशांक मिश्रा और अनुराग चौधरी हैं। ये साढ़े 11 लाख की आबादी की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव नहीं ला पा रहे थे। प्रमोटी आइएएस दिलीप कुमार और एसएनएस चौहान ने भी सेवाएं दीं। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर भी आइएएस अफसर बैठाए जाते रहे हैं।
108 जिलों ने लिया हिस्सा
बता दें कि महत्वाकांक्षी जिलों के रूपांतरण कार्यक्रम को इस वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया था। इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश के कुछ सबसे अविकसित जिलों को तेज़ी से और प्रभावी ढंग से बदलना है। 115 महत्वाकांक्षी जिलों में से केवल 108 ने पहले डेल्टा रैंकिंग में भागीदारी की। पश्चिम बंगाल के 3 जिलों ने रैंकिंग में भाग नहीं लिया। वहीं ओडिशा और केरल ने अपनी प्रविष्टियों को देर से भेजा इसलिए उन्हें रैंकिंग अभ्यास में शामिल नहीं किया जा सका।
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