यह है जिले की स्थिति शासन स्तर पर जिले में हुए हादसों का वर्ष 2018 और 2019 का जनवरी से दिसंबर माह का पृथक-पृथक अध्ययन किया गया। इसमें पाया गया कि जिले में वर्ष 2018 में सड़क हादसों की संख्या 1550 रही जो 2019 में घटकर 1483 हुई है। अर्थात एक साल में हादसों में 67 की कमी हुई है। प्रतिशत के हिसाब से अगर देखा जाए तो एक साल में हादसों की संख्या में 4.3 फीसदी की कमी आई है। लेकिन चिंता का बड़ा सबब भी सामने आया है। वर्ष 2018 में हादसों में मृतकों की संख्या 436 थी जो 2019 में बढ़ कर 438 हुई। अर्थात एक साल में दो लोगों की मौत में इजाफा हुआ। प्रतिशत में बात करें तो 0.5 फीसदी मृतक संख्या बढ़ी। घायलों के मामले में स्थिति काफी गंभीर चिंताजनक दिखी है। 2018 में सड़क हादसों में घायलों की संख्या 1165 रही जो 2019 में 491 बढ़ कर 1656 हो गई। अर्थात एक साल में 42.1 फीसदी घायलों की संख्या बढ़ी है।
यह मिली वजह
सड़क हादसों को लेकर किए गए विश्लेषण में मिला कि सर्वाधिक 91 फीसदी सड़क दुर्घटनाओं में दुर्घटना का प्रमुख कारण ओवर स्पीडिंग है। दूसरे स्थान पर विपरीत दिशा में वाहन चलाना 7 फीसदी रहा। अन्य कारणों में 2 फीसदी शराब पीकर वाहन चलाना, 1 फीसदी मोबाइल फोन का उपयोग करते हुए वाहन चलाने पर सड़क हादसों में मौत हुई।
यह मिली वजह
सड़क हादसों को लेकर किए गए विश्लेषण में मिला कि सर्वाधिक 91 फीसदी सड़क दुर्घटनाओं में दुर्घटना का प्रमुख कारण ओवर स्पीडिंग है। दूसरे स्थान पर विपरीत दिशा में वाहन चलाना 7 फीसदी रहा। अन्य कारणों में 2 फीसदी शराब पीकर वाहन चलाना, 1 फीसदी मोबाइल फोन का उपयोग करते हुए वाहन चलाने पर सड़क हादसों में मौत हुई।
एफआईआर में पुलिस की लापरवाही पुलिस मुख्यालय ने पाया कि प्राय: अपराध पंजीबद्ध करते समय यह भी पाया गया है कि विवेचक सामान्य रूप से सड़क दुर्घटना का कारण तेज गति एवं लापरवाही होना लेख करते हैं। परंतु गति निर्धारण के तरीके एवं किस प्रकार की लापरवाही वाहन चालक द्वारा की जा रही है इस संबंध में स्पष्ट लेख नहीं किया जाता है। इसलिये एफआईआर में विवेचना के स्तर पर सुधारात्मक उपाय किये जाने की आवश्यकता है।
यह उपाय प्राथमिकता में करने के निर्देश
पीएचक्यू ने कहा है कि सड़क हादसों में सर्वाधिक मौत ओवर स्पीडिंग के कारण होती है। इसलिये स्पीडगन, रडार और इंटरसेप्टर लगाया जाना चाहिए। गोल्डन आवर के दौरान गुड सेमेरिटन के माध्यम से तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराकर मौत की संख्या में कमी लाई जा सकती है। इसके लिये स्थानीय प्रशासन को सख्त और प्रभावी कदम उठाने के साथ प्रचार प्रसार की आवश्यकता जताई गई है। इसके साथ ही दो पहिया वाहन चालकों में हेलमेट उपयोग को सख्ती से लागू करने व जनरक्षा हेलमेट बैंक योजना का पालन कराने पर जोर दिया गया है।
यह उपाय प्राथमिकता में करने के निर्देश
पीएचक्यू ने कहा है कि सड़क हादसों में सर्वाधिक मौत ओवर स्पीडिंग के कारण होती है। इसलिये स्पीडगन, रडार और इंटरसेप्टर लगाया जाना चाहिए। गोल्डन आवर के दौरान गुड सेमेरिटन के माध्यम से तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराकर मौत की संख्या में कमी लाई जा सकती है। इसके लिये स्थानीय प्रशासन को सख्त और प्रभावी कदम उठाने के साथ प्रचार प्रसार की आवश्यकता जताई गई है। इसके साथ ही दो पहिया वाहन चालकों में हेलमेट उपयोग को सख्ती से लागू करने व जनरक्षा हेलमेट बैंक योजना का पालन कराने पर जोर दिया गया है।