अदालत में भी बयान पुलिस सूत्रों के अनुसार, 28 फरवरी को 14 वर्षीय छात्रा मां के डांटने के बाद अपने एक नाबालिग दोस्त के साथ मुम्बई भाग गई थी। यहां परिजनों की शिकायत पर इसी दिन आईपीसी की धारा 363 के तहत अपराध कायम करते हुए बालिका की तलाश शुरू कर दी गई थी। बालिका के लौटने पर कोतवाली में उसके बयान दर्ज करने के बाद अदालत में भी बयान कराए गए हैं। बालिका के परिजनों के बयान लिए गए और बालिका के साथ गए बालक के भी बयान दर्ज किए।
कल्याण में पकड़े गए सूत्रों के अनुसार, मुम्बई से ट्रेन में सवार होकर बालि -बालिका सतना के लिए रवाना हुए थे। लेकिन नासिक पहुंच गए। दोनों को रूट नहीं पता था। इसलिए वहीं ट्रेन से उतरे और वापस दूसरी ट्रेन से कल्याण पहुंचे। यहां से दोनों एक ट्रेन में सवार होने वाले थे तभी आरपीएफ ने दोनों को पकड़ लिया। तलाशी में इनके पास से 50 हजार रुपए नकद, गहने व अन्य सामान मिला था। लेकिन सतना कोतवाली में परिजनों ने इसके बारे में जिक्र नहीं किया है। जबकि जीआरपी कल्याण ने बालिका और बालक के पास से बरामद पूरा सामान परिजनों के सुपुर्द कर दिया।
रिश्तेदार के घर नहीं पहुंचे पुलिस को बालिका ने बताया कि उसके चाचा मुम्बई में रहते हैं। जो बालक साथ में गया था उसके भी रिश्तेदार वहां रहते हैं। दोनों की योजना थी कि रिश्तेदार के घर जाएंगे। लेकिन भागने के बाद इनका ख्याल बदला और दोनों वापस आ रहे थे। गनीमत रही कि दोनों किसी के गलत हाथ नहीं पड़े। रेल सुरक्षा बल ने दोनों को सकुशल जीआरपी के हवाले किया। जीारपी ने एक दिन दोनों को बाल सुधार गृह में रखा। जहां से दोनों परिजनों को मिल गए। बालिका ने खुद के साथ किसी तरह की घटना होने का जिक्र नहीं किया।